बरेली: पुलिसकर्मियों की पिटाई से मारे गए किसान संतोष के भाई को दी जान से मारने की धमकी
बरेली/भमोरा, अमृत विचार। भमोरा के किसान संतोष शर्मा के हत्यारोपी पुलिसकर्मियों की अब तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। पुलिस की लापरवाही का नतीजा है कि आरोपियों के साथी संतोष के परिजनों पर मुकदमा वापस लेने का दबाव बना रहे हैं।
इन्कार करने पर आरोपियों ने जान से मारने और झूठे मुकदमे में फंसवाने की धमकी दी है। भयभीत परिवार एसएसपी से मिला और रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग की। एसएसपी के आदेश पर भमोरा पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
भमोरा क्षेत्र के आलमपुर जाफराबाद में आठ नवंबर को जुआरियों का पता न बताने पर संतोष शर्मा को पुलिस कर्मियों और एंबुलेंस चालक ने बहुत पीटा था। इलाज के दौरान उनकी 10 नवंबर को निजी अस्पताल में मौत हो गई थी। इस प्रकरण में मृतक के भाई कृष्ण कुमार ने एंबुलेंस चालक विजय कुमार, चौकी इंचार्ज रिंकू कुमार, एसआई नेपाल सिंह, सिपाही दीपक, पुष्पेन्द्र राणा, मनोज और अंकित व तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ थाना भमोरा में 11 नवंबर को रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
इस प्रकरण में पुलिस दो महीने बाद भी एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। अब आरोपी मुकदमे के वादी कृष्णकुमार को फोन करके धमकाने से भी नहीं चूक रहे हैं। पांच जनवरी को कृष्ण कुमार के मोबाइल पर अज्ञात व्यक्ति ने फोन करके समझौता करने का दबाव बनाया। इन्कार करने पर आरोपी ने पूरे परिवार को जान से मारने व झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी है। इससे कृष्ण कुमार और संतोष शर्मा का परिवार भयभीत है। परिजनों ने एसएसपी को इस मामले में शिकायती पत्र देकर सुरक्षा मुहैया कराने और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है। एसएसपी के आदेश के बाद भमोरा पुलिस ने मोबाइल नंबर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
दो महीने बाद भी नहीं हो सकी गिरफ्तारी
कृष्णकुमार का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से उनके परिवार को जान का खतरा है। आरोपी लगातार दबाव बना रहे हैं। दो महीने बीतने के बाद भी पुलिस अब तक जांच के नाम पर आरोपियों को छूट दे रही है। अधिकारी भी आरोपियों के परिजनों पर दबाव नहीं बना रहे हैं। आम इंसान होता तो उसकी गिरफ्तारी अब तक हो चुकी होती या फिर कुर्की हो चुकी होती। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस अधिकारी ध्यान नहीं देंगे तो वे मुख्यमंत्री से मांग करेंगे।
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