इस विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं को मिली बड़ी कामयाबी, ‘कोरल’ सांप की नई प्रजाति का लगाया पता

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Published By Vishal Singh
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आइजोल। मिजोरम विश्वविद्यालय के प्राणीशास्त्र विभाग के शोधकर्ताओं ने राज्य में ‘कोरल’ सांप की नई प्रजाति का पता लगाया है। मिजोरम विश्वविद्यालय में प्राणीशास्त्र के प्रोफेसर एच टी लालरेमसांगा ने बताया कि ब्रिटिश भारत के डॉक्टर गोरे के नाम पर इसका नाम सिनोमिक्रूरस गोरेई रखा गया है। 

लालरेमसांगा ने बताया कि इस सांप को स्थानीय तौर पर 'रूलथिहना' के नाम से जाना जाता है, क्योंकि यह मिजोरम के गले के पारंपरिक हार ‘थिहना’ से काफी मिलता-जुलता है। शोधकर्ताओं ने यह खोज मिजोरम में कोरल सांपों के कंकाल और डीएनए का अध्ययन करते समय की है। 

नई प्रजाति के बारे में 'रिअप्रेजल ऑफ द सिस्टमैटिक्स ऑफ टू सिम्पटरीक ऑफ टू कॉरल स्नेक' नामक एक अध्ययन में बताया गया, जो 10 जनवरी को ब्रिटिश विज्ञान पत्रिका ‘सिस्टमैटिक्स एंड बायोडायवर्सिटी (टेलर एंड फ्रांसिस ग्रुप)’ में प्रकाशित हुआ था। लालरेमसंगा के अनुसार, दुनिया भर में सिनोमिक्रूरस कोरल सांपों की कुल नौ प्रजातियां खोजी गई हैं और इनमें से सिनोमिक्रूरस मैकलेलैंडी नामक केवल एक प्रजाति पूर्वोत्तर भारत में पाई जाती है। 

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