प्रयागराज : अब्बास अंसारी के ड्राइवर पर रासुका लगाए जाने के मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब

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Published By Jagat Mishra
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प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब्बास अंसारी के ड्राइवर नियाज अंसारी पर लगी रासुका के मामले में यूपी सरकार से जवाब तलब करते हुए  पूछा कि क्या हिरासत में लिए जाने का आदेश पारित करते समय न्यायिक प्रक्रिया का अनुपालन किया गया। कोर्ट ने गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान यूपी सरकार के अधिवक्ता को जवाब देने के लिए कुछ दिनों का समय देते हुए कहा कि वह इस मामले में अब आगामी 18 जनवरी को सुनवाई करेंगे। उक्त आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने नियाज अंसारी की ओर से दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। 

मालूम हो कि याची के खिलाफ चित्रकूट जेल में बंद रहने के दौरान अब्बास अंसारी से जेल में अवैध रूप से मिलने और उसे जेल से भगाने के आरोप में 11 फरवरी 2023 को प्राथमिकी दर्ज हुई थी। जब उसने जमानत के लिए अर्जी दाखिल की तो डीएम, चित्रकूट ने उसके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई करते हुए उसे हिरासत में ले लिया।राज्य सरकार ने इसकी सूचना केंद्र सरकार को देते हुए मामले को पांच जून 2023 को सलाहकार बोर्ड के पास भेज दिया। उसे पहले तीन महीने के लिए और बाद में छह महीने की हिरासत में रखने का आदेश पारित कर दिया गया। इस पर याची ने हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दाखिल की। 

याची के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि याची ने जेलर के माध्यम से सलाहकार कमेटी के समक्ष अभ्यावेदन भिजवाया था,लेकिन वह कमेटी के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुआ। याची की हिरासत अवधि को भी गलत तरीके से बढ़ाया गया। इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से इस संबंध में जवाब मांगा है।

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