मुरादाबाद : पुलिस-पब्लिक की आपसदारी का भोज, 600 लोगों ने खाई खिचड़ी...देखें VIDEO

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Published By Bhawna
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रामपुर दोराहा पर पुलिस व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भोज आयोजित कर बांटी खिचड़ी

मुरादाबाद,अमृत विचार। पहले शनिवार रात 12 बजे से सुबह चार बजे तक सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अभियान में रहे और फिर मकर संक्रांति के एक दिन पहले ही रविवार सुबह अपनी सामाजिक कार्यकर्ताओं की टीम के साथ ग्रामीणों के बीच खिचड़ी भोज कार्यक्रम में जुट गए...। जी हां, हम बात कर रहे हैं कटघर थाना क्षेत्र में काशीपुर तिराहा पुलिस चौकी प्रभारी ओम शुक्ल की। बेहतर पुलिसिंग के लिए उनका मानना है कि पुलिस और पब्लिक की आपसदारी होनी चाहिए और आपसदारी तभी भरोसेमंद रहेगी, जब उनके बीच उनका ही बनकर रहेंगे। इसलिए पुलिसकर्मियों को भी सामाजिक कार्यों से जुड़े रहना चाहिए। इनमें बढ़ चढ़कर हिस्सेदारी करनी चाहिए। 

रविवार सुबह वह अपनी तैनाती क्षेत्र में मुरादाबाद-रामपुर रोड किनारे एक पेट्रोल पंप परिसर में टीम के साथ आमजन को खिचड़ी परोस रहे थे। खिचड़ी भोज प्रारंभ करने से पहले कार्यकर्ताओं ने भगवान को समर्पित किया और पूजन कर भंडारे की शुरू की। सबसे पहले कन्याओं को खिचड़ी भोज परसा गया। इन लोगों ने खिचड़ी भोज में दही-मट्ठा, अचार, चटनी की भी व्यवस्था की थी। करीब चार घंटे तक चले भोज में पांच-छह सौ लोगों ने खिचड़ी भोज का आनंद लिया। इसमें बूढ़े, बच्चे, जवान सभी लोगों ने शामिल होकर भोज ग्रहण किया। सबसे अधिक उत्साह तो बच्चों व महिलाओं में देखने को मिला।

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 महिलाएं अपने बच्चों के साथ भोज कार्यक्रम में पहुंच रही थीं। कई महिलाएं खिचड़ी भोज को टिफन में पैक कराकर घर ले गईं। चौकी इंचार्ज की सामाजिक कार्यकर्ताओं की टीम में जैसे भैंसिया के सोनू सैनी, रामपुर दोराहा निवासी ट्रांसपोर्टर यतेंद्र मिश्र व इनके बेटे मधुर मिश्र और रफातपुर के महेंद्र सैनी व आसपास गांवों के कई वरिष्ठजन जुड़े हैं। इन लोगों ने बताया कि वह पिछले तीन साल से आपसी सामंजस्य से यह कार्यक्रम करते चले आ रहे हैं। कहा, इस तरह के सामाजिक सहभोज से मन आनंदित होता है।

सामाजिक समरसता से भी पुलिसिंग आसान
काशीपुर तिराहा चौकी प्रभारी ओम शुक्ल का कहना है कि सामाजिक समरसता से पुलिस को सुरक्षा करना भी आसान रहता है। अपराध को काबू करने में आमजन की बहुत मदद मिलती है। लोग खुद फोन कर घटना के बारे में बता देते हैं या फिर उन्हें घटना होने का संदेह भर हुआ कि वह खबर दे देते हैं। चूंकि, जनता को पुलिस पर भरोसा हो तो अपराध को काफी हद तक रोका जा सकता है और यही वह भरोसा कामय करने के लिए जनता से हर तरीके से जुड़ने के प्रयास में रहते हैं।

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