Exclusive: कूड़ा रिक्शों पर घोटाला... छह महीने पहले वार्डों में भेजी गईं कूड़ा गाड़ियां हुईं कबाड़ा, चोर ले गए पार्ट्स
कानपुर में कूड़ा रिक्शों पर घोटाला सामने आया।
कानपुर में छह महीने पहले पिछले वर्ष जुलाई में वार्डों में भेजी गईं घटिया कूड़ा रिक्शा गाड़ियों के रिम और टॉयर चोरी हो रहे हैं। घटिया क्वालिटी की रिक्शा गाड़ियां जब डंप पर खड़ी कर दी गईं तो अब इसके पार्ट्स चोर निकालकर बेच दे रहे हैं।
कानपुर, (अभिषेक वर्मा)। छह महीने पहले पिछले वर्ष जुलाई में वार्डों में भेजी गईं घटिया कूड़ा रिक्शा गाड़ियों के रिम और टॉयर चोरी हो रहे हैं। घटिया क्वालिटी की रिक्शा गाड़ियां जब डंप पर खड़ी कर दी गईं तो अब इसके पार्ट्स चोर निकालकर बेच दे रहे हैं।
जूही वार्ड 84 में ऐसी ही कई गाड़ियां सेंट्रल पार्क के पिछले हिस्से में पड़ी हैं। जो न तो कूड़ा ढ़ोने के काम आ रही हैं, और न ही उन्हें सुरक्षित रखा जा पा रहा है। अन्य वार्डों में भी कूड़ा गाड़ियों के यही हाल हैं। महज छह महीने में ही गाड़ियों की यह दुर्दशा आम जनता के पैसे की बर्बादी के साथ भ्रष्टाचार की गवाही भी दे रही है।
नगर निगम को स्वच्छ भारत मिशन के तहत 32 करोड़ रुपये मिले थे, जिसमें से आठ करोड़ रुपये से अधिकारियों ने कूड़ा ढ़ोने के लिए 1800 रिक्शा और 2500 हाथ कूड़ा गाड़ियों को खरीदा। आरोप है कि कूड़ा रिक्शा की गुणवत्ता खराब होने के बावजूद गाड़ियों को खरीदा गया। यही नहीं बिना जांच कराए ही इन्हें वार्डों में भी भेज दिया गया।

अधिकारियों की मिलीभगत की वजह से घटिया रिक्शे खरीदे गए। जिसके रिम, टायर और बॉडी की गुणवत्ता खराब है। हाथ कूड़ा गाड़ियां लोहे की हैं, उनमें यह शिकायत नहीं आ रही है। लेकिन, कूड़ा रिक्शा अधिकतर वार्डों में खड़े हो गए हैं। जो कुछ बहुत ठीक हैं, तो उन्हें जुगाड़ से चलाया जा रहा है। कूड़ा रिक्शा में रिम और टायर घटिया क्वालिटी के पड़े हैं, जबकि बॉडी भी मानक के अनुरूप नहीं है। जिसकी वजह से समस्या सामने आ रही है।
4 जून को ही खुल गया था भ्रष्टाचार
नगर निगम में 4 जून को हुई पहली कार्यकारिणी बैठक के बीच में ही पार्षदों ने कूड़ा गाड़ी खरीद में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया था। जिसके बाद नगर निगम अधिकारियों और सदस्यों के बीच गहमा-गहमी हुई थी। मामला बढ़ा तो महापौर प्रमिला पांडेय ने बीच बैठक में ही कूड़ा गाड़ियां मुख्यालय मंगवा ली थीं। नगर निगम अधिकारियों के साथ कार्यकारिणी सदस्य अभिषेक गुप्ता ‘मोनू’, पवन गुप्ता ने गाड़िया देखीं और गुणवत्ता पर सवाल उठाए, अधिकारियों के सामने ही कहा कि गाड़ियों की खरीद में भ्रष्टाचार हुआ है। जिसके बाद जांच बैठा दी गई थी।
महापौर को बिना बताए भेजी गईं गाड़ियां
महापौर प्रमिला पांडेय ने कहा कि गाड़ियों की खरीद के लिए वर्कशॉप प्रभारी दोषी हैं। उन्होंने कहा कि मैंने कूड़ा रिक्शा की जांच के लिए आदेश दिए थे, अधिकारियों ने मुझे बताए बिना ही वार्डों में कूड़ा रिक्शा भेज दी। इसके लिए जो दोषी हैं, उन पर कार्रवाई होगी। महापौर ने कहा कि अधिकारियों के साथ जल्द बैठक करेंगे।
इस बात की जानकारी मुझे नहीं है।- अमित सिंह गौर, नगर स्वास्थ्य अधिकारी
कूड़ा गाड़ियों की हालत पहले से ही खराब थी। जांच के आदेश महापौर ने दिये थे, क्या हुआ पता नहीं। अभी खुले में गाड़ियां पड़ी हैं, मुझे लगता है कि नशा करने वाले आपराधिक प्रवृत्ति के लोग गाड़ियों के पार्ट्स चुरा ले गए हैं।– अमित जायसवाल, पार्षद, वार्ड 84
नगर निगम के कुछ अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। शहर को साफ करने के नाम पर माल साफ किया जा रहा है। यह गंभीर मुद्दा है गाड़ियों की खरीद में जरूर कुछ न कुद गड़बढ़ है। महज दह महीने में गाड़ियों के पार्ट्स गायब हो रहे हैं। कूड़ा गाड़ियां टूटी जा रही हैं। लोगों और सरकारी धन में बंदरबांट किया जा रहा है। इस मुद्दे को विधानसभा में उठाएंगे।- अमिताभ बाजपेयी, सपा विधायक
शहर में जगह-जगह गंदगी है। नगर निगम मशीनरी फेल हो गई है। स्मार्ट सिटी के नाम पर धन तो खूब लगाया जा रहा है। लेकिन, सही दिशा में खर्च नहीं हो रहा है। कई जगह तो भ्रष्टाचार पहले भी खुल चुका है। इस प्रकरण में जांच होनी चाहिए।- नौशाद आलम मंसूरी, उत्तर जिलाध्यक्ष, कांग्रेस
