Kanpur News: राम-लखन-जानकी के वस्त्रों की बढ़ी डिमांड; शहर के कारोबारियों में उत्साह, अयोध्या से मिल रहा शानदार रिस्पांस...
कानपुर में राम-लखन-जानकी के वस्त्रों की डिमांड देखने को मिल रही है।
कानपुर में शहर के कारोबार पर श्रीराम की कृपा बरसने लगी है। शहर की थोक कपड़ा मंडियों में अयोध्या के कारोबारियों की ओर से मांग आने लगी है।
कानपुर, अमृत विचार। शहर के कारोबार पर श्रीराम की कृपा बरसने लगी है। शहर की थोक कपड़ा मंडियों में अयोध्या के कारोबारियों की ओर से मांग आने लगी है। पहली मांग श्रीराम के वस्त्रों की आई है। पहले यह बाजार मथुरा, वृंदावन और पुरी तक सीमित था।
शहर की शिवाला बाजार में वस्त्रों का थोक कारोबार होता है। मथुरा के बाद भगवान के वस्त्रों का सबसे बड़ा कारोबार शहर में होता है। कारोबारियों ने बताया कि अब अयोध्या के व्यापारियों ने शहर आकर वस्त्रों की क्वालिटी और वैराइटी देखी है। वहां के व्यापारियों ने यहां से सैंपल भी मंगवाएं हैं।
इनमें पीले और केसरिया रंग के कपड़ों की मांग सबसे अधिक है। जरी और रेशमी कपड़ों पर लिखे श्रीराम की मांग बढ़ी है। इसके अलावा राम दरबार का पूरा सेट भी मांगा जा रहा है। शहर के कारोबारियों ने बताया कि मथुरा में रेट अधिक होने से अयोध्या के कारोबारी यहां का रुख कर रहे हैं।
कुशल कारीगरों की अधिकता
मथुरा से अयोध्या के कारोबारी इसलिए भी निराश हैं क्योंकि वहां पर अधिकतर काम कृष्ण को लेकर होता है। अयोध्या के कारोबारियों की मांग राम, सीता, लखन के वस्त्रों की है। यहां पर पहले से ही राम दरबार और छोटे रामलला के वस्त्रों का कारोबार होता रहा है। यहां के कारीगरों को उस तरह के वस्त्रों का बनाए जाने का अनुभव है।
सीधी रेल कनेक्टिविटी का असर
कारोबारी अयोध्या से शहर की सीधी रेल कनेक्टिविटी को भी बाजार बढ़ने में मददगार मान रहे हैं। उनका कहना है रेल से सीधा जुड़ाव उनके कारोबार को और अधिक आसान कर रहा है। कारोबारी यह मान कर चल रहे हैं कि मार्च से उनके पास अयोध्या से बड़े स्तर पर ऑर्डर आ सकते हैं।
100 रुपये से दस हजार की तैयारी
शिवाला बाजार में राम के वस्त्रों को बनाए जाने का काम तेजी से हो रहा है। यहां पर सौ रुपये से लेकर दस हजार रुपये तक कपड़े तैयार हो रहे हैं। प्रतिमा के साइज और वस्त्रों में होने वाली कारीगरी के अनुसार रेट कम या ज्यादा हैं। थोक बाजार में इस समय नेट, एम्बराइड्री, सिल्क, शिफान, सिल्क और प्लेन कपड़ों की वैराइटी में कपड़े मौजूद हैं।
शहर में भी बढ़ी मांग
कारोबारियों ने यह भी बताया कि 22 जनवरी को लेकर भी राम परिवार के वस्त्रों की मांग बढ़ी है। पहले जहां महीने में दो या तीन वस्त्र बिकते थे, अब रोजाना दस से बारह वस्त्र बिक रहे हैं। रिटेल कारोबारियों की ओर से भी खरीदारी तेज हो गई है।
धार्मिक वस्त्रों का कारोबार करने वाले व्यापारी अयोध्या के रूप में एक नया बाजार देख रहे हैं। वहां के कारोबारी यहां आकर वस्त्रों की मांग कर रहे हैं। जैसे-जैसे आम भक्त वहां पर बढ़ेंगे, यहां कारोबार भी बढ़ेगा। -बलराम ओमर, संगठन मंत्री शिवाला व्यापार मंडल
मथुरा में शुरू से कृष्ण से जुड़े वस्त्रों का कारोबार अधिक है। वहां के कारीगर श्रीराम और राम दरबार के वस्त्रों का बारीक काम बेहतर नहीं कर पाते हैं। यहां पर शुरु से प्रभु राम के वस्त्र बनते हैं। -विनोद मिश्रा, अध्यक्ष शिवाला व्यापार मंडल
