शाहजहांपुर: किसान सम्मान निधि से 60 हजार किसान वंचित, डीबीटी इनेबल न होने के चलते किस्त फंसी

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
On

शाहजहांपुर, अमृत विचार: तकनीकी दिक्कतों के चलते जिले के लगभग 60 हजार किसान अब भी किसान सम्मान निधि से वंचित हैं। किसी की डीबीटी इनेबल नहीं है तो किसी का आधार बैंक में फीड नहीं है। कुछ को नया आवेदन होने के चलते निधि नहीं मिल पा रही है तो कुछ का तो आवेदन ही निरस्त हो गया है। ऐसे में किसान निधि पाने को भटक रहे हैं। 

जिले के किसानों के लिए जहां राज्य सरकार कई योजनाएं चलाती हैं, तो वहीं केंद्र सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना भी चला रही है। यह योजना किसानों को आर्थिक मदद देने के लिए है। मौजूदा समय में इस योजना का लाभ जिले के चार लाख 70 हजार 839 किसान ले रहे हैं।

 योजना के अंतर्गत हर चार महीने में 2-2 हजार रुपये की किस्त किसान को दी जाती है, यानी सालाना कुल 6 हजार रुपये की आर्थिक मदद पात्र किसानों को मिलती है। इसी कड़ी में बीती 15 नवंबर को 15वीं किस्त जारी की गई, लेकिन जिले के लगभग 60 हजार किसानों को यह किस्त नहीं मिल पा रही है। इसके बाद भी जिले में लगभग 60 हजार किसान लाभ से अछूते रह गए हैं। इन्हें सम्मान निधि नहीं मिल पा रही है। 

किसानों का कहना है कि निधि देने को लेकर रोज नए-नए नियम लागू कर दिए जाते हैं। कभी केवाईसी कराने को कहा जाता है तो कभी जमीन का सत्यापन कराने के लिए कहा जाता है। अब तो बिलकुल नया नियम निकाल दिया गया है कि डीबीटी इनेबल नहीं है। डीबीटी इनेबल कराने की जरूरत आखिर क्यों पड़ रही है। जबकि कई बार किसानों को डीबीटी इनेबल कराए बिना ही निधि का पैसा मिला है, अब डीबीटी इनेबल कराए बिना पैसा नहीं दिया जा रहा है। 

ज्यादातर किसान पढ़े-लिखे नहीं है। वह नहीं जानते कि उन्हें डीबीटी कैसे इनेबल करानी है। ऐसे में वह बिचौलियों के चक्कर में पड़ जाते हैं और जितनी निधि मिलती है उसका एक हिस्सा बिचौलिए खा जाते हैं। निधि मिलने के बाद भी किसान के हाथ कुछ नहीं आता है। किसानों में नए-नए नियमों को लेकर नाराजगी है। 

कुल 4 लाख 70 हजार 839 किसानों के खाते में किसान सम्मन निधि की 15वीं किस्त भेजी जा चुकी है। कुल एक हजार 110 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। पैसा डीबीटी से सीधे किसानों के खातों में भेजा गया है। हर चौमास किसान को दो हजार रुपये मिलते हैं। जिन किसानों को सम्मान निधि अब तक नहीं मिल सकी है वह अपनी ई-केवाईसी पूरी करा लें। 

उन्होंने बताया कि आधार सीडिंग न कराने वाले, भूलेख अंकन अधूरा होने और डीबीटी इनेबल न होने के चलते ही किस्त रुकी है। किसानों की ओर से ई-केवाईसी पूरी कराने के बाद निधि का पैसा उनके खाते में भारत सरकार की ओर से सीधे खाते में भेजा जाएगा।- धीरेंद्र सिंह, उप कृषि निदेशक। 

किसान सम्मान निधि योजना गरीब किसानों के लिए लाभदायक है। यह पैसा मिलने से गरीब किसानों की काफी आर्थिक मदद होती है, लेकिन दूसरी ओर कुछ किसानों को पत्र होते भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इससे वह आहत हैं।- सचिन मिश्रा, किसान नेता

किसान निधि से अच्छा है कि किसानों को फसल का उचित मूल्य मिले। डीजल सहित अन्य वस्तुओं के दाम काफी बढ़ चुके हैं। जीएसटी लगने से पेस्टिसाइड के दाम भी काफी बढ़ोतरी हो गई है। अगर निधि की जगह पर अनाज का दाम बढ़ाया जाता तो अच्छा होता---दलप्रीत सिंह, किसान नेता।

किसान सम्मान निधि का पैसा बहुत कम है। इससे किसान को कोई खास लाभ नहीं होता है। सरकार को फसलों में आने वाली लागत को कम करने और फसलों के दाम बढ़ाने की दिशा में काम करना चाहिए---हरप्रीत सिंह।

तीन महीने पहले किसान सम्मान निधि पाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। उसके बाद से दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। बात करने पर अधिकारियों का जवाब होता है कि साइड में कुछ प्रॉब्लम चल रही है। अभी तक निधि नहीं मिल सकी है--- मनोरमा मिश्रा, किसान।

यह भी पढ़ें- शाहजहांपुर: फेसबुक पर प्यार, कानपुर से प्रेमी के घर आ धमकी युवती, शादी की जिद पर अड़ी, परिजनों को बुलाकर किया गया सुपुर्द

संबंधित समाचार