अयोध्या: डॉ. रामानन्द की 'रामलला स्तुति' का हुआ विमोचन, गोविन्द देव गिरी बोले- कालजयी सिद्ध होगी काव्यकृति

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Published By Sachin Sharma
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अयोध्या। श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही शिशुवाङ्मयविग्रह का भी विमोचन किया गया। आपस प्रकाशन से प्रकाशित प्रस्तुत काव्यकृति के रचनाकार डॉ. रामानन्द शुक्ल हैं। इसका विमोचन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के कोषाध्यक्ष गोविन्द देव गिरी ने करते हुए कहा कि रामलला की शब्दार्चा के द्वारा डॉ. रामानन्द शुक्ल ने सुन्दर सराहनीय सर्जना-स्तुति की है। यह काव्यकृति कालजयी सिद्ध होगी।

आश्रमाधीश स्वामी विजयानन्द गिरि ने कहा कि अपने प्राचार्य की प्रतिभा-वैदुष्य से मैं अभिभूत हूं। बालराम के वर्णन के साथ इसमें अलभ्य सरजू सहित सीता जी की भी सुन्दर आरती लिखी गई है। यह सनातनी भक्त-समाज के लिए बहुत ही उपयोगी व पठनीय है। ध्यातव्य है कि यह कृति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व सनाथाः शीर्षक से संस्कृत के आठ श्लोकों की रचनावलियों के माध्यम से उन्हें समर्पित की गई है।

यहां रामलला की स्तुति का शुभारंभ भी श्रीरामललाष्टकं शीर्षक के अन्तर्गत गुम्फित आठ श्लोकों से होता है। आरम्भ से सात श्लोक अनुष्टुप् और अन्तिम श्लोक शिखरिणी छन्द में विरचित है। प्रस्तुत पुस्तक में कुल छन्दों की संख्या 108 है, जिनमें 16 श्लोक, सोरठा 1, दोहा 6, चौपाई-80, 2 सवैया और तीन आरती उपनिबद्ध -संगृहीत है।

इस अवसर पर विद्यालय के अध्यक्ष सहित संतोष, वरुण त्रिपाठी, राजेश वर्मा, आचार्य राधाकान्त शास्त्री, निखिल, रतन पाण्डेय, आदर्श, विद्यालय छात्रावास के सभी छात्र उपस्थित रहे।

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