लखनऊ: किसान की हत्या कर कार सवार हमलावर फरार, पिता ने पांच के खिलाफ दर्ज कराई हत्या की रिपोर्ट

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Published By Deepak Mishra
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लखनऊ/ मलिहाबाद, अमृत विचार। मलिहाबाद क्षेत्र में खेत पर फसल की सिंचाई कर रहे किसान को थार (कार) सवार हमलावर धारदार हथियारों से मरणासन्न कर भाग निकले। परिजन आनन-फानन उसे ट्रॉमा सेंटर ले गए। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पिता ने एक नामजद व करीब पांच अज्ञात के खिलाफ हत्या की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

थाना अंतर्गत ग्राम जमोलिया निवासी राजेश कुमार (45) का गोसवा रेलवे फाटक के समीप खेत है। पिता जगदेव के अनुसार, बुधवार सुबह करीब 5 बजे पुत्र राजेश फसल की सिंचाई करने खेत पर गया था। लगभग 8 बजे चार पहिया थार वाहन नंबर यूपी-32 एमयू 2912 से चार से पांच हमलावर धारदार हथियारों से लैस होकर पहुंचे। 

बेटा कुछ समझ पाता इससे पहले ही दौड़ा- दौड़ा कर उसे धारदार हथियारों से हमला कर मरणासन्न हालत में सड़क किनारे फेंक कर फरार हो गए। आसपास के लोगों ने घटना की जानकारी परिजन को दी। मौके पर पहुंचे परिजन आनन-फानन राजेश को लेकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने पंचनामा भर आगे की प्रक्रिया शुरू की। 

थाना प्रभारी अजीत कुमार ने बताया तहरीर के आधार पर गाड़ी चालक सहित चार से पांच लोगों पर हत्या की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है। चालक को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। मृतक राजेश के पिता जगदेव ने थाने में दी तहरीर में गोसवा गांव निवासी राहुल नामक युवक और 4 से 5 अज्ञात पर बेटे की हत्या का आरोप लगाया है। राजेश के परिवार में पिता जगदेव के अलावा, पत्नी सरस्वती, पुत्र रणजीत, अभिजीत, संजीत हैं।

घटनास्थल से कुछ दूरी पर एक प्रत्यक्षदर्शी था। प्राथमिक पूछताछ में उसने बताया कि थार गाड़ी से एक्सीडेंट हुआ। इसकी जानकारी पर ग्राम प्रधान भी मौके पर पहुंचे। पूछताछ में उन्होंने भी हादसे की बात कही। गाड़ी और चालक को हिरासत में लिया गया है। घटनास्थल की जांच, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
राहुल राज, डीसीपी, पश्चिम

जमीन का टुकड़ा बना घटना का कारण

जगदेव का गोसवा रेलवे फाटक के समीप खेत है। इसी के बगल में आरोपी राहुल के दादा रामदास का भी खेत है। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच खेत की जमीन को लेकर कई बार विवाद हो चुका था। छह माह पहले जब विवाद हुआ था, तब ग्रामीणों ने दोनों पक्षों के साथ बातचीत कर सुलह समझौता करा दिया था। दो माह पहले फिर से विवाद हुआ। तब लेखपाल को बुलाकर जमीन की पैमाइश करायी गयी, लेकिन दोनों पक्ष संतुष्ट नहीं थे। उक्त जमीन पर दोनों पक्ष अपनी-अपनी कब्जेदारी बता रहे थे। इसी को लेकर दोनों पक्षों में रंजिश चल रही थी। दो से तीन बीघा जमीन को लेकर विवाद बताया जा रहा है।

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