शहर का हाल: सड़क हो या बाजार, हर जगह छुट्टा पशुओं की भरमार, पकड़ने के बजाए भगाने पर अधिक ध्यान दे रहे जिम्मेदार

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Published By Moazzam Beg
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पीलीभीत, अमृत विचार। शहर में इन दिनों छुट्टा पशुओं की भरमार है। सड़क हो या बाजार या फिर पॉश कालोनियों, छुट्टा पशुओं का झुंड हर जगह देखा जा सकता है।  जिम्मेदार इन पशुओं को पकड़ने के बजाए हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। इस लापरवाही का खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व में निराश्रित गोवंशों को पकड़कर आश्रय स्थल भेजने के निर्देश दिए थे। इसको लेकर जनपद में एक दिसंबर 2023 से 16 जनवरी 2024 तक अभियान भी चलाया गया। 

अभियान के दौरान ब्लाक स्तर पर तो कुछ निराश्रित गोवंशों को पकड़कर आश्रय स्थलों में भेजा गया, लेकिन शहर में निराश्रित पशुओं को पकड़ने का जिम्मा संभालने वाला पालिका प्रशासन इस आदेश को ही दबा गया। आलम यह है कि अब शहर में जगह-जगह छुट्टा पशुओं का झुंड देखा जा रहा है। शहर के स्टेशन रोड, स्टेडियम रोड, आयुर्वेदिक कॉलेज रोड, जेपी रोड समेत अन्य मार्गों से लेकर बाजार, गली-मोहल्लों में छुट्टा पशु घूमते देखे जा सकते हैं। 

शहर की पॉश कालोनियों समेत सार्वजनिक स्थलों पर भी छुट्टा पशु घूमते देखे जा सकते हैं। समस्या सिर्फ इन छुट्टा पशुओं के स्वछंद घूमने तक ही सीमित नहीं है। सड़कों पर घूमने वाले इन पशुओं की वजह से अकसर जाम की समस्या पैदा हो रही है। वहीं इन पशुओं की भगदड़ से शहरवासी भी चोटिल हो रहे हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत पटरी दुकानदारों को हो रही है। छुट्टा पशु पटरी दुकानदारों के ठेलों पर रखे फल, सब्जी और खाने-पीने के सामान पर मुंह मारने लगते हैं, जब दुकानदार इन्हें भगाने का कोशिश करता है तो यह छुट्टा पशु उन पर ही हमलावर हो रहे हैं।

खास बात यह है कि जिम्मेदार पालिका प्रशासन इन पशुओं को पकड़ने के बजाए इन्हें प्रमुख सड़कों से हटाकर गली-कूचों में भेजने पर ज्यादा ध्यान दे रहा है। शहर में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह वाले दिन स्टेडियम रोड पर पालिका कर्मचारी सड़क पर घूम रहे पशुओं को पकड़ने पर कम, बल्कि उन्हें गली-मोहल्लों के अंदर भगाने पर ज्यादा देते दिखे थे।  बताते हैं कि पालिका प्रशासन ने इन पशुओं को पकड़ने का जिम्मा एक वाहन चालक को दे रखा है। ऐसे में पालिका प्रशासन इन निराश्रित पशुओं को आश्रय स्थल तक पहुंचाने की कवायद को लेकर कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।

गांधी स्टेडियम रोड पर डलावघर में दिनभर पशुओं का झुंड
शहर के स्टेडियम रोड पर यूं तो रोजाना ही छुट्टा पशु घूमते देखे जा सकते हैं, लेकिन रविवार को इस रोड पर अन्य दिनों की अपेक्षा कुछ ज्यादा ही छुट्टा पशु घूमते दिखे। गौहनिया चौराहे के समीप डलावघर में 10 से अधिक पशुओं का झुंड कूड़ा बिखेरते दिखा। ध्रुव नर्सिंग और जीवनरेखा डायग्नोस्टिक सेंटर के पास भी कुछ छुट्टा पशु खड़े देखे गए।

एकता सरोवर के समीप इकट्ठा छुट्टा पशुओं का झुंड
एकता सरोवर के समीप बने डलावघर के भीतर और उसके आसपास बड़ी संख्या में छुट्टा पशु देखे गए। यहां भी रोजाना बड़ी संख्या में छुट्टा पशु कूड़े के ढेर में खाना तलाशते देखे जा सकते हैं। छुट्टा पशुओं के झुंड को देखकर अब अधिकांश लोगों ने इस तरफ से निकलना ही बंद कर दिया है। लोगों को डर है कि पशुओं का यह झुंड कभी उन पर हमलावर हो सकता है।

लेखराज चौराहा पर भी छुटटा पशु
अन्य स्थानों की तरह शहर के लेखराज चौराहे पर भी छुट्टा पशु देखे गए। इसी चौराहे से जाटों के चौराहा जाने वाली सड़क पर भी इक्का-दुक्का पशु घूमते देखे गए। इन पशुओं को एक साइकिल सवार ने भगाने का प्रयास भी किया, लेकिन एक पशु ने उसे ही दौड़ा लिया। चौराहे पर खड़े कुछ बुजुर्गों ने साइकिल सवार से आइंदा ऐसे इन पशुओं को न भगाने की नसीहत दे डाली।

वाटर वर्क्स कंपाउंड में भी छुटटा पशुओं का जमावड़ा 
नगर पालिका का वाटर वर्क्स कंपाउंड भी इन छुट्टा पशुओं की शरणस्थली बना हुआ है। रविवार दोपहर वाटर वर्क्स कंपाउंड में दस से अधिक छुट्टा पशु विचरण करते मिले। मीडियाकर्मियों द्वारा जब इन छुट्टा पशुओं के फोटो लेने की जानकारी जिम्मेदारों को लगी तो उन्होंने तत्काल कर्मचारियों से पशुओं को भगाने को कहा, लेकिन कर्मचारियों ने पशुओं के हमलावर होने की बात कहकर पशुओं को भगाने से इंकार कर दिया।

ईओ बोले- लगातार पकड़वाए जा रहे पशु 
शहर में निराश्रित पशुओं को पकड़ने की कवायद लगातार चल रही है। दिसंबर में 234 और चालू माह में अब तक 72 पशुओं को पकड़कर आश्रय स्थल भेजा गया है। अभियान चलाकर शहर में घूम रहे अन्य पशुओं को भी पकड़कर आश्रय स्थल भेजा जाएगा। - लालचंद भारती, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद

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