कासगंज: शायद नसीब में नहीं है बेटा, ईश्वर इसीलिए चला गया गोद लिया लाडला
कासगंज, अमृत विचार। हे ईश्वर शायद मुझे बेटे का सुख नहीं मिल पाएगा। चार बेटियों का जन्म हुआ। पुत्र प्राप्ति की चाह रही। जब पुत्र नहीं मिला तो एक बेटा अस्पताल से गोद ले लिया, लेकिन 23 दिन बाद ही उसकी भी मौत हो गई।
यह दर्द है कासगंज क्षेत्र के गांव हिम्मतपुर सही के मनोज कुमार और उनकी पत्नी शशि का। जिन्होंने काफी प्रयास के बाद एक बेटे को गोद लिया उसकी भी निमोनिया से मौत हो गई। उनका रो रोकर बुरा हाल है। वह यही कह रहे हैं कि शायद मेरे नसीब में पुत्र का सुख नहीं मिल रहा है।
गांव हिम्मतपुर सही निवासी मनोज कुमार ने बीती 7 जनवरी को जन्मे एक बेटे को एटा के जलेसर के अस्पताल से गोद लिया। परिवार में खुशियां आई। पहले से ही दंपति के पास चार बेटियां हैं। जब उन्होंने बेटे को गोद लिया तो उनका कुनबा बढ़ गया। उन्होंने खुशियां मनाने के साथ ही नामकरण संस्कार भी किया और उसे बेटे का नाम निहाल रखा।
पूरे परिवार में सिर्फ यही चर्चा थी कि हम अब निहाल हो गए, लेकिन अभी 2 दिन पहले ही बेटे की हालत बिगड़ी। सर्दी का असर हुआ। निजी चिकित्सक को दिखाया। चिकित्सक ने कहा कि निमोनिया हो गया है। कई अस्पतालों में लेकर गए। फिर भी सफलता नहीं मिली। आखिरकार रविवार को बेटे की मौत हो गई। इसके बाद तो दंपति का ही नहीं बल्कि पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।
यह है परिवार
मनोज की पत्नी शशि के चार बेटियां है। सबसे बड़ी बेटी पूजा उम्र 13 वर्ष, दूसरी बेटी गुंजन उम्र 10 वर्ष, तीसरी बेटी रुकमा उम्र 7 वर्ष, चौथी बेटी अंशिका उम्र 4 वर्ष है। इन्होंने एक बेटे को 7 जनवरी को गोद लिया था। दो दिन पहले से तबीयत खराब चल रही थी। रविवार को निमोनिया के कारण मासूम बच्चे की मृत्यु हो गई।
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