शाहजहांपुर: मुझे नहीं बल्कि जिले को नुकसान पहुंचाने की थी साजिश- चिन्मयानंद
रेप केस से बाइज्जत बरी होने के बाद पूर्व गृह राज्य मंत्री ने राजनीतिक विरोधियों को लिया आड़े हाथ
शाहजहांपुर, अमृत विचार। शिष्या से दुष्कर्म के आरोप से कोर्ट से बाइज्जत बरी होने के बाद पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद सरस्वती ने कहा कि यह उनकी नहीं बल्कि जिले को नुकसान पहुंचाने के लिए छवि को धूमिल करने की साजिश रची गई थी। जिसका अब पटाक्षेप हो गया। छवि धूमिल किए जाने के पीछे वह राजनीति वर्चस्व स्थापित करने वाले विरोधियों पर निशाना साधते नजर आए। उन्होंने इशारों-इशारों में कहा कि राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई के साथ उनके खिलाफ साजिश की गई।

पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद सरस्वती ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आप गोरखपुर को द्वारिकापुरी बना रहे हैं, तो शाहजहांपुर सुदामापुरी बना दो, मेरा सपना था। मुख्यमंत्री के संबंधों का लाभ जनपद को देना चाहता था, लेकिन नहीं दे सका। कुछ लोगों ने निजी लाभ के लिए बाधा पहुंचाई और परिणाम यह हुआ कि जनपद में जो काम हुए हैं वह निजी लाभ के लिए ज्यादा हुए हैं। आम पब्लिक के लिए कम हुए हैं। गांवों की दशा जस की तस बनी हुई है। यहां व्यक्ति को नीचा दिखाने के लिए राजनीति का इस्तेमाल किया जाता।
शिष्या से दुष्कर्म मामले में बोले कि उन्हें न्यायिक प्रक्रिया पर मेरा पूरा विश्वास है और उन्होंने न्यायिक प्रक्रिया का पूरा सम्मान किया है। उन्हें स्टे मिला तो हाईकोर्ट से मिला। जमानत मिली तो हाईकोर्ट से मिली और न्याय मिला तो डिस्टिक कोर्ट से मिला। न्याय पालिका को लेकर कोई शिकायत नहीं है। आरोप लगाकर छवि खराब करने वालों पर कार्रवाई किए जाने के सवाल पर बोले, नहीं हम कुछ नहीं चाहेंगे, उन्होंने अपना काम किया है, न्यायालय ने अपना काम किया है और ईश्वर अपना काम कर रहा है।

2019 में खुद को कर लिया था राजनीति से अलग
पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने कहा कि 75 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद वर्ष 2019 में उन्होंने खुद को राजनीति से अलग करने की घोषणा की थी। तब से आज तक वह किसी भी सार्वजनिक मंच पर न नजर आए हैं और न आएंगे।
लॉ कॉलेज को नुकसान पहुंचाने की हुई थी कोशिश
दुष्कर्म जैसे आरोप लगाकर कॉलेज की छवि धूमिल किए जाने के सवाल पर पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने कहा कि विरोधी अगर उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं तो कोई बात नहीं, लेकिन वह चिन्मयानंद के लिए कॉलेज यानि उनकी संस्था को नुकसान न पहुंचाएं। संस्था की प्रगति में बाधा न बनें। उनके खिलाफ जो करना हो करें, उन्हें स्वीकार है। आश्चर्य की बात है कि उन्हें बदनाम करने के लिए हमारे लॉ कॉलेज को माध्यम बनाया गया। जिन दो लड़कियों को इस काम में इस्तेमाल किया गया वह दोनों एलएलएम की छात्रा थीं और दोनों को महाविद्यालय की वित्तीय सहायता से पढ़ने का मौका दिया गया था।

उन्हीं को इस्तेमाल किया गया। इससे साफ कि विरोधियों की मंशा लॉ कॉलेज को नुकसान पहुंचाने की थी। राजनीति में वर्चस्व की लड़ाई के सवाल पर पूर्व गृह राज्यमंत्री ने कहा कि वर्चस्व की लड़ाई ने मेरा नुकसान किया, लेकिन यह अलग बात है। साल 2011 से मेरा पासपोर्ट जब्त है, मैं विदेश यात्रा नहीं करता। पहले हर वर्ष कम से कम दो विदेश यात्रा करता था। उस यात्रा में वह अकेले नहीं होते थे, उनके साथ शाहजहांपुर होता था। वह किसी अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार में भाग नहीं ले पाए क्योंकि उनका पासपोर्ट जब्त था।
योगी के साथ खड़ा होता तो लोग फोटो खींच करते बदनाम
स्वामी चिन्मयानंद ने कहा कि उनके ऊपर जब आरोप लगा था, तभी उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कह दिया था कि वह अब उनके साथ तब तक खड़े नहीं हो पाएंगे जब तक आरोपों से बरी नहीं हो जाते। क्योंकि जब-जब वह सीएम के साथ खड़े होंगे, तब-तब लोग फोटो खींच कर मुख्यमंत्री को बदनाम करेंगे। इसलिए 2019 से अब तक वह योगी आदित्यनाथ के किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि न्यूयार्क में उनका और योगी का फोटो लगाकर पर्चे बांटे गए थे, जिसमें दुष्कर्म की कहानी दूसरे तरीके से गढ़ी गई थी। यहां तक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने भी उनका नाम लेकर योगी पर आरोप लगाए थे। उनका नाम योगी की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए लिया गया।

आरोपों से मुक्त हुआ, अब राम लला के दर्शन करूंगा
स्वामी चिन्मयानंद ने योगी आदित्यनाथ की छवि को लेकर तो चिंता जताई ही, साथ ही साथ उन्होंने कहा कि अब तक आरोपों से घिरा होने के चलते वह अयोध्या तक नहीं जा सके हैं। राममंदिर भूमि पूजन से लेकर प्राण प्रतिष्ठा तक किसी भी कार्यक्रम में वह नहीं गए हैं। अब जाकर वह आरोपों से मुक्त हुए हैं। अब वह अयोध्या जाएंगे और रामलला के दर्शन करेंगे।
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