पंचकोसी परिक्रमा का दूसरा दिन: प्रयागराज में साधु-संतों ने गाजे-बाजे के साथ निकाली भव्य शोभायात्रा, देखने को उमड़ी भीड़
प्रयागराज। संगम नगरी प्रयागराज में गुरूवार से शुरू हुई पांच दिवसीय पंचकोसी परिक्रमा के दूसरे दिन शुक्रवार को माघ मेला क्षेत्र के खाक चौक से साधु संतों की अगुवाई में बाजे गाजे के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली गई। यह पांच दिवसीय पंचकोशी यात्रा प्रयागराज के विभिन्न मठ मंदिरों और धार्मिक स्थलों का भ्रमण करेगी।
संगम की रेती पर आयोजित किये जा रहे माघ मेला-2024 में साधु संतों का जमावड़ा शुरु हो चुका है। गुरूवार से शुरु हुई पांच दिवसीय पंचकोसी परिक्रमा के तहत दूसरे दिन माघ मेला क्षेत्र के खाक चौक ही बाजे गाजे और घोड़े, ऊंट के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली गई।
बता दें कि इस शोभायात्रा के तहत विभिन्न मठ-मंदिरों व धार्मिक स्थलों का भ्रमण किया जाएगा। जूना अखाड़े के संरक्षक व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरी गिरी महाराज ने यात्रा का शुरु कराई। पंचकोसी यात्रा के दौरान गंगा पूजन में जूना अखाड़ा पए सभापति महंत प्रेम गिरी और राम महंत नारायण गिरि ने भी गंगा पूजन किया।
पंचकोसी की परिक्रमा में सभी महंत अक्षयवट धाम पहुंचे। इसके बाद वहां से यात्रा बड़े हनुमान मंदिर पहुंची और दर्शन व आशीष लेने के बाद मौजगिरि आश्रम पहुंच गये। यह यात्रा पांच दिनों तक चलती रहेगी। जूना अखाड़े के महामंत्री हरि गिरि का कहना है कि तीर्थराज प्रयागराज में पंचकोसी परिक्रमा में शामिल होना सौभाग्य की बात है।
यह जीवन के लिए विशेष फलदायी है। पौराणिक मान्यता के अनुसार पंचकोसी परिक्रमा से तीर्थराज और सभी देवताओं सिद्धों और नागों के दर्शन का पुण्य प्राप्त होता है। तीर्थयात्रियों को संगम स्नान के बाद पंचकोसी परिक्रमा जरूर करनी चाहिए। ऐसा विधान पुराणों में बताया गया है।

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