'मुगल मानसिकता' का जीवंत उदाहरण हैं ओवैसी, बार बार जुबान पर सवार हो जाता है 'पाकिस्तानी भूत': दिनेश शर्मा
ओवैसी ने वयोवृद्ध बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने के फैसले का किया था विरोध
गोंडा। देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने के फैसले की आलोचना करने वाले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर प्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम व राज्यसभा सांसद डा. दिनेश शर्मा ने जोरदार पलटवार किया है।
पूर्व डिप्टी सीएम ने असद्दुदीन ओवैसी को मुगल मानसिकता का जीवंत उदाहरण बताया है। उन्होंने कहा कि ओवैसी की जुबान पर रह रहकर पाकिस्तानी भूत सवार हो जाता है। आडवाणी का त्याग और बलिदान ओवैसी को नहीं पता है।
आपको बता दें कि आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने के फैसले की आलोचना करते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को सोशल मीडिया मंच 'एक्स' के माध्यम से कहा था कि लालकृष्ण आडवाणी के लिए भारत रत्न उचित है। हिंसा में जान गंवाने वाले भारतीयों की कब्रें सीढ़ियों के अलावा और कुछ नहीं हैं। इस बयान के बाद पूर्व डिप्टी सीएम का बयान आया है।
डा दिनेश शर्मा रविवार को भारतीय जनता पार्टी की तरफ से देवीपाटन मंडल क्लस्टर योजना अंतर्गत आयोजित बैठक में शामिल होने गोंडा पहुंचे थे। बैठक के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि आडवाणी ने इस देश को एक करने के लिए अपना पूरा जीवन न्योछावर किया है। अपने जीवन चरित्र के कारण आडवाणी लोगों के लिए रोल मॉडल हैं। ओवैसी अगर आडवाणी के बारे में कुछ कहते हैं तो वह आसमान में थूकने जैसा है। वह उन्हीं के ऊपर पड़ेगा।
जो मंदिर जाने से रोकते थे, वो हनुमान चालीसा पढ़ रहे
डॉ. शर्मा ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि मोदी फोबिया कांग्रेस के सिर पर चढ़कर बोल रहा है। जो लोगों को राम मंदिर जाने से रोकते थे, मस्जिदों में चादर चढाते थे, रोजा अफ्तारी करते थे, मंदिर की जगह अस्पताल बनाने की वकालत करते थे, आज वह तिलक लगा रहे हैं और हनुमान चालीसा पढ़ रहे हैं। यही अच्छे दिन हैं।
अखिलेश यादव के ईवीएम हटाओ के बयान की आलोचना करते हुए राज्यसभा सांसद ने कहा कि कि वह जीत जाएं तो ईवीएम ठीक है, हार जाए तो ईवीएम खराब है। कर्नाटक, हिमाचल, पश्चिम बंगाल जीत गए तो ईवीएम ठीक थी। उत्तर प्रदेश में हार जाएं तो ईवीएम खराब है। दरअसल इन लोगों की मानसिकता खराब है।
ज्ञानवापी मामले में कोर्ट के आदेश का पालन कर रही सरकार
ज्ञानवापी फैसले पर पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि 1993 से पहले वहां हिंदू समुदाय के लोग पूजा पाठ करते रहे हैं। 1993 में सपा सरकार बनने पर पूजा पाठ पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस फैसले के खिलाफ लोग न्यायालय गए। लंबी प्रक्रिया चली। अब कोर्ट ने पहले की प्रक्रिया को बहाल कर दिया। न पहले बीजेपी थी न अब बीजेपी है।
पहले सपा ने बंद कराया अब कोर्ट ने आदेश कर दिया। कोर्ट के आदेश का पालन कराया जा रहा है। यह देश न्यायिक प्रक्रिया के आधार पर चलता है। किसी के कहने पर नहीं। जो लोग फैसले के खिलाफ बोल रहे हैं वह कोर्ट की अवमानना कर रहे हैं।
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