बरेली: मोटा किराया वसूलने में आगे, साफ बेडरोल देने में पीछे रेलवे, हर दिन यात्री कर रहे शिकायतें, नहीं हो रहा सुधार

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Published By Om Parkash chaubey
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बरेली, अमृत विचार: एसी श्रेणियों में सफर करने वाले यात्रियों से रेल प्रशासन बेडरोल के नाम पर मोटी रकम वसूल करता है लेकिन ट्रेन में अपनी बर्थ पर पहुंचने के बाद बेडरोल देखता है तो यात्रा का सारा उत्साह ठंडा पड़ जाता है। आये दिन गंदे बेडरोल को लेकर यात्री शिकायतें करते हैं। इस बार दो ट्रेनों में बेडरोल को लेकर यात्रियों ने शिकायत की है।

जनता एक्सप्रेस में सफर कर रहे डॉ. सौरभ तोमर ने रेल प्रशासन को एक्स के जरिये शिकायत की कि थर्ड एसी में गंदी चादर दी जा रही है। अटेंडेंट कह रहा है कि जहां चाहो शिकायत कर लो यही चादर मिलेगी। डॉ. सौरभ ने बताया कि ट्रेन संख्या 15120 जनता एक्सप्रेस के कोच संख्या एम-6 की बर्थ संख्या 16 पर वह रामपुर से वाराणसी जाने के लिये सवार हुये। अटेंडेंट का रवैया बेहद खराब था।

हालांकि शिकायत के बाद रायबरेली के पास उन्हें दूसरा बेडरोल दिया गया। दूसरे मामले में 12401 नंदा देवी एसी सुपरफास्ट एक्सप्रेस में सफर कर रहे पंकज दास ने एक्स पर गंदे बेडरोल की तस्वीरें शेयर। उन्होंने अपना पीएनआर शेयर किया और बताया कि ट्रेन के बी-7 कोच की बर्थ संख्या 40 पर उनका आरक्षण है।

प्राइवेट एजेंसियां करती हैं मनमानी: ट्रेन के एसी कोचों में यात्रियों को बेडरोल (कंबल, तकिया, चादर, तौलिया) दिया जाता है। यह काम अक्सर प्राइवेट एजेंसियों के जरिये कराया जाता है। यह एजेंसियां मनमानी करती हैं जिसका खामियाजा रेल यात्रियों को भुगतना पड़ता है। ट्रेन में अटेंडेंट भी इन्हीं प्राइवेट एजेंसियों द्वारा रखे जाते हैं। यह अटेंडेंट कई बार यात्रियों से भिड़ जाते हैं।

जंक्शन से इन ट्रेनों में बेडरोल की सुविधा: बेडरोल का ठेका ट्रेन के ओरिजनेटिंग स्टेशन से होता है। वहीं से ट्रेन में अलग-अलग स्टेशनों से सवार होने वाले यात्रियों के लिये बेडरोल रखे जाते हैं। बरेली जंक्शन से आला हजरत एक्सप्रेस, बरेली-वाराणसी एक्सप्रेस, बरेली-लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस, बरेली-इंदौर एक्सप्रेस आदि ट्रेनों में बेडरोल दिये जाते हैं।

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