बजट पर विपक्ष का प्रहार: अखिलेश बोले- 10% अमीरों के लिए लाया गया बजट तो मायावती बोलीं- जनहितकारी नहीं
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने आज विधानसभा में वर्ष 2024-25 का बजट पेश किया है। बजट में 7 लाख 36 हजार 437 करोड़ 71 लाख रूपए के अलावा प्रदेशवासियों को प्रदेशवासियों को करीब 24 हजार करोड़ की नई परियोजनाओं की भी सौगात दी गई। साथ ही कई योजनाओं के दावे भी किए है।
वहीं योगी सरकार के सोमवार को पेश किए गए बजट के बाद विपक्ष खासा हमलावर दिखाई दे रहा है। प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री रहीं बसपा प्रमुख मायावती और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कड़ा प्रहार किया है।
पहले पिछले वादे पूरे हुए कि नहीं इसका करें मूल्यांकन
मायावती ने अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट लिखते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आज सदन में पेश वर्ष 2024-25 का बजट पार्टी के चुनावी हित का ज्यादा व व्यापक जनहित एवं जनकल्याण का कम लगता है। सरकार की विभिन्न घोषणाएं, वादे और दावे अपनी जगह, किन्तु क्या विकास सम्बंधी सरकार के पिछले सारे वादे पूरे हो गये हैं, इसका भी मूल्यांकन जरूरी है।
मायावती ने कहा कि यूपी सरकार सर्वसमाज के हित, विकास व कानून-व्यवस्था के सम्बंध में जितने भी दावे और वादे बजट में करती है उसका सही से अनुपालन जरूरी तभी राज्य के लोगों की अपार गरीबी, बेरोजगारी व पिछड़ापन आदि दूर हो पाएगा, जिसका फिर सीधा प्रभाव देश के विकास व यहाँ के लोगों की उन्नति पर पड़ेगा।
ये दिल्ली और लखनऊ वाले सिर्फ दिखा रहे सपना
वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार के बजट पर और भी कड़ी प्रतिक्रिया करते हुए एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि उन्होंने कहा कि सरकार का कहना है कि ये बजट सबसे बड़ा बजट है, लेकिन ये दिल्ली और लखनऊ वाले सिर्फ सपने दिखा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस बजट से सिर्फ 10 प्रतिशत संपन्न लोगों को फायदा होगा। बजट का 90 प्रतिशत हिस्सा सिर्फ 10 प्रतिशत सम्पन्न लोगों को मिलेगा और 90 प्रतिशत लोगों के लिए सिर्फ 10 प्रतिशत बजट दिया गया है और यहीं 90 प्रतिशत लोग पीडीए है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने गन्ना किसानों के केवल 20 रुपए बढ़ाए है, सवाल ये है कि आखिर कितने सालों में ये 20 रुपए बढ़ाए गए। क्या 20 रुपए बढ़ाने से किसान की आय दोगुनी हो जाएगी। उत्तर प्रदेश से ज्यादा पंजाब और हरियाणा के किसानों को गन्ने का भुगतान किया जाता है।
यूपी में ना नाले बनें ना सड़कें: अखिलेश
अखिलेश यादव ने कहा कि केंद्र सरकार 5 और यूपी सरकार 1 ट्रिलियन का सपना दिखा रही है, लेकिन प्रदेश में न तो नाले बने और न ही सड़कें। डबल इंजन की सरकार में छुट्टा पशुओं की वजह से लोगों की जान जा रही है, किसान दुखी है और नौजवान के हाथ में नौकरी नहीं है।
सबसे बड़े बजट का दावा करने वाली सरकार नौकरी नहीं बल्कि रोजगार की बात कर रही है। क्या इजरायल भेजे जा रहे मजदूरों का काम सम्मानजनक है। अखिलेश यादव ने आगे कहा कि सरकार इन्वेस्टर समिट से 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश की बात करती है। आखिर उस इन्वेस्ट से कितने लाख लोगों को रोजगार मिला?
थानों पर लोगों की नहीं लिखी जा रही रिपोर्ट
अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब से प्रदेश में भाजपा की सरकार आई है तबसे थानों में लोगों की रिपोर्ट नहीं लिखी जा रही। रिपोर्ट लिखवाने के लिए लोग दर दर भटक रहे हैं, उन्हें कोर्ट का सहारा लेना पड़ रहा है। सरकार सभी 75 जिलों ने साइबर थाने स्थापित कर रही है। इससे प्रतीत होता है कि प्रदेश में कितनी चीटिंग हो रही है। इनकी सरकार में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस नहीं बल्कि ईज ऑफ चीटिंग हो रही है।
इसके अलावा अखिलेश यादव ने कहा कि हीरो फ्यूचर एनर्जी की सरकार बात कर रही है। आखिर ये क्या है,कोई नहीं जानता। वित्तमंत्री सुरेश खन्ना घुमा फिरा के बजट पढ़ रहे थे और उनकी बात कोई समझ ना पाए इसलिए बीच बीच में दो लाइन दोहे की पढ़ दी। उन्होंने आगे कहा कि जिसको माउस चलाना न आता हो वो क्या बजट बनाएंगे।

1. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आज सदन में पेश वर्ष 2024-25 का बजट पार्टी के चुनावी हित का ज्यादा व व्यापक जनहित एवं जनकल्याण का कम लगता है। सरकार की विभिन्न घोषणाएं, वादे और दावे अपनी जगह, किन्तु क्या विकास सम्बंधी सरकार के पिछले सारे वादे पूरे हो गये हैं, इसका भी मूल्यांकन जरूरी।
— Mayawati (@Mayawati) February 5, 2024
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