Kanpur News: नई सड़क पर आयोजित सालाना कांफ्रेंस में उलेमाओं ने की शिरकत; मदरसे के छात्रों की हुई दस्तार बंदी
कानपुर, अमृत विचार। नई सड़क स्थित मरकजी व कदीमी मदरसा अलजामे अतुल अरबिया अहसनुल मदारिस कदीम का सालाना दस्तारे फजीलत बनाम अमीने शरीयत कांफ्रेंस का शुक्रवार को आयोजन हुआ। कांफ्रेंस में उलेमाओं ने शिरकत की। मदरसे के 30 छात्रों की दस्तार बंदी की गई।
कांफ्रेंस के मुख्य वक्ता उतरौला के अल्लामा मुफ्ती मसीहुद्दीन ने कहा कि मदरसे ऐसे संस्थान हैं, जहां शिक्षा के साथ मोहब्बत और तहजीब भी सिखाई जाती है। जिससे छात्रों को जिंदगी के किसी मोड़ पर दुश्वारी न मिले। उन्होंने कहा कि गरीबों को मुफ्त शिक्षा प्रदान कर रहे यह मदरसे बुरे हालात में हैं। हमें इसके लिए आगे आना चाहिए और मदरसों की हर जरूरत का ख्याल रखना चाहिए। गया बिहार से आए अल्लामा मुफ्ती मोहम्मद उमर नूरानी ने कहा कि सबसे ज्यादा शिक्षा पर जोर इस्लाम ने दिया है। इस बारे में विचार करना होगा।
अगर अपने बच्चों के साथ कौम के दस गरीब बच्चों की भी पढ़ाई का खर्चा उठा ले तो यकीनन बदलाव आएगा। मौलाना मुर्तजा शरीफी और मौलाना मुफ्ती रफी अहमद निजामी ने भी अपने विचार रखे। कारी इकबाल बेग कादरी, बहराइच के कारी जाकिर इसमाईली, दरभंगा के हाफिज मोहम्मद रजा, कलीम दानिश कानपुरी ने नातों मंकबत पेश किए। कांफ्रेंस की अध्यक्षता मुफ्ती ए आजम कानपुर मुफ्ती मोहम्मद इलियास खां नूरी और संचालन मौलाना आफाक रजा मुशाहिदी ने किया।
इस मौके पर मदरसे के प्रबंधक अल्हाज मुमताज अहमद सिद्दीकी को अमीने शरीअत अवार्ड से सम्मानित किया गया। वहीं मदरसे से शिक्षा पूरी कर चुके 30 छात्रों की दस्तार बंदी की गई। मदरसे के प्रधानाचार्य मौलाना मुफ्ती मोहम्मद हनीफ बरकाती ने शुक्रिया अदा किया। इस मौके पर शहर काजी मौलाना मुफ्ती मोहम्मद साकिब अदीब मिस्बाही, मौलाना गुलाम मुसतफा, मौलाना उमर कादरी, मौलाना महमूदुल हसन, कारी मोहम्मद सगीर आलम हबीबी, कारी मो. एहसान समेत उलमा अइम्मा व शोरा और क्षेत्रीय लोग मौजूद रहे।
