Video: इस ऐतिहासिक इमारत में सचमुच है भूतों और जिन्नों का बसेरा? आखिर किस अंजान आहट से सिहर जाते हैं लोग...
वीरेंद्र पाण्डेय, लखनऊ। हम भले ही कितने भी हाईटेक हो जाएं लेकिन फिर भी दिमाग के किसी कोने में भूत-प्रेत, जिन्न-रूह जैसी बातें जगह बनाये रहती हैं। इनका असर ऐसी जगह जाने पर ज्यादा होता है जहाँ के बारे में कोई कहानी पहले से ही हमने सुन रखी हो।
राजधानी लखनऊ में एक ऐसी जगह है, जहां जाने से आज भी लोग बचते नजर आते हैं। यहाँ सन्नाटे में किसी के आने और जाने की आहट सुनाई पड़ती है। यह आहट कई लोगों के दिमाग में वह खौफ पैदा करती है। जो बाद में कहानी और किस्सों में बदलती जाती है। राजधानी के इस जगह पर घूमने जाने वाले लोग भी इन बातों पर कई बार भरोसा कर लेते हैं जो उनके अंदर डर की वजह भी बनती है। इस जगह को लेकर कई कहानियां है कई लोग तो यहां पर भूत और जिन्न होने का दावा भी करते हैं।

तो आईए जानते हैं कि इन बातों में कितनी सच्चाई है। किस जगह से यह बात जुड़ी हुई है और कहीं यह महज अफवाह तो नहीं। नवाबों के शहर लखनऊ में कई ऐतिहासिक इमारतें हैं। इन इमारत की अपनी कई कहानियां भी हैं। जिनको लेकर आज भी चर्चाओं का बाजार गर्म रहता है। चर्चा भी कोई ऐसी - वैसी नहीं, बातें जो रोंगटे खड़े कर दे, दहशत पैदा कर दे। आज उन्हीं ऐतिहासिक इमारत में से एक मशहूर इमारत के बारे में आपको बताते हैं।

राजधानी लखनऊ में इमामबाड़े स्थित भूलभुलैया को कौन नहीं जानता। यहां रोजाना हजारों लोग घूमने के लिए पहुंचते हैं। इसी भूल भुलैया में एक जगह शाही बाउली पड़ती है। शाही बाऊली को लेकर जो सबसे मशहूर बात है, वह यह बताई जाती है कि बाऊली से इमामबाड़े का मुख्य गेट दिखाई पड़ता है। साथ ही यहां सन्नाटे में कई बार कुछ आहट सुनाई पड़ती है। यह दावा भी किया जाता है। लेकिन यह दोनों बातें अफवाह हैं या सच इसको लेकर हमने इतिहासकार नवाब मसूद अब्दुल्ला से बातचीत की।

क्यों बनी बाउली
नवाब मसूद अब्दुल्ला बताते हैं कि बाउली में किसी तरह की आहट या कोई अन्य आवाज सुनाई पड़ने की बात महज अफवाह है। इमामबाड़े स्थित बाउली का निर्माण पानी के लिए कराया गया था। इसी बाउली के पानी से इमामबाड़े का निर्माण हुआ था। इस दौरान उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया की बाउली के अंदर बने रोशनदान इस तरह बनाए गए थे कि उसे इमामबाड़े का गेट दिखाई पड़े।
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