नैनीताल: जोशीमठ में भूधंसाव प्रकरण में 10 जून को होगी सुनवाई
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विधि संवाददाता, नैनीताल, अमृत विचार। हाईकोर्ट ने जोशीमठ में हो रहे लगातार भू धंसाव को लेकर जनहित याचिका पर सुनाई है। अल्मोड़ा निवासी पीसी तिवारी ने याचिका दायर की है। मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने अगली सुनवाई 10 जून की तिथि नियत की है।
आज सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट ने पूर्व में कहा था कि एनटीपीसी जोशीमठ में ब्लास्टिंग व टनल निर्माण की समस्या को लेकर एनडीएमए के वहां अपना पक्ष रखें और एनडीएमए उस समस्या पर सुनवाई करके अपना सुझाव राज्य सरकार को दे परन्तु अभी तक उस पर सुनवाई पूरी नहीं हुई है।
जिस पर कोर्ट ने दोनों से एनडीएमए के पास अपना पक्ष रखने को कहा था, जिसमें अभी तक कोई निर्णय नहीं आया है। मामले के अनुसार अल्मोड़ा निवासी उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी व चिपको आंदोलन के सदस्य पीसी तिवारी ने 2021 में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य सरकार के पास आपदा से निपटने की सभी तैयारियां अधूरी हैं। सरकार के पास अब तक कोई ऐसा सिस्टम नहीं है जो आपदा आने से पहले उसकी सूचना दें।
वहीं उत्तराखंड में 5600 मीटर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाले यंत्र नहीं लगे हैं और उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रिमोट सेंसिंग इंस्टीट्यूट अभी तक काम नहीं कर रहे हैं जिस वजह से बादल फटने जैसी घटनाओं की जानकारी नहीं मिल पाती। हाइड्रो प्रोजेक्ट टीम के कर्मचारियों के सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है कर्मचारीयों को केवल सुरक्षा के नाम पर हेलमेट दिए हैं, उन्हें आपदा से लड़ने के लिए कोई ट्रेनिंग तक नहीं दी गई और न ही कोई उपकरण मौजूद हैं।