लखनऊ: वेतन विसंगति, कैडर पुनर्गठन, कैशलेस इलाज समेत अन्य मांगों पर अड़े कर्मचारी, 2 घंटे सत्याग्रह कर जतायेंगे विरोध

लखनऊ: वेतन विसंगति, कैडर पुनर्गठन, कैशलेस इलाज समेत अन्य मांगों पर अड़े कर्मचारी, 2 घंटे सत्याग्रह कर जतायेंगे विरोध

लखनऊ, अमृत विचार। इप्सेफ के आवाहन पर कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के बैनर तले कर्मचारी 6 मार्च को 2 घंटे का सांकेतिक सत्याग्रह करेंगे। इसका निर्णय इन्दिरा भवन महासंघ कार्यालय में कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा की बैठक में लिया गया है। सांकेतिक सत्याग्रह के दौरान कर्मचारी मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी भेजेंगे।

दरअसल, इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (IPSIF) के बैनर तले कर्मचारी पूरे देश में सत्याग्रह करने का निर्णय ले चुके हैं। यह निर्णय रविवार को छत्तीसगढ़ स्थित रायपुर में हुई बैठक के दौरान इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन के पदाधिकारियों ने लिया था। इस दौरान यह निर्णय भी लिया गया था कि सत्याग्रह के दौरान प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा, साथ ही यह पूरा सत्याग्रह महात्मा गांधी जी के सिद्धांतों पर होगा। इसी के तहत लखनऊ में कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा की बैठक हुई। जिसमें इप्सेफ द्वारा घोषित कार्यक्रम का यूपी में करने का सर्वसम्मत से निर्णय लिया गया। इस बैठक में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष सुरेश कुमार रावत, महामंत्री अतुल मिश्र, राज्य कर्मचारी महासंघ व जवाहर भवन, इन्दिरा भवन कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सतीश पाण्डे, महामंत्री राम कुमार धानुक राजकीय निगम महासंघ के अध्यक्ष मनोज कुमार मिश्र, महामंत्री घनश्याम यादव, रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री गिरीश चन्द मिश्र, फेडरेशन आफ फार्मासिस्ट के अध्यक्ष सुनील कुमार यादव, स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष व कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के महासचिव शशि कुमार मिश्र विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष राकेश कुमार यादव, फेडरेशन आफ फारेस्ट के महामंत्री आशीष पाण्डेय आदि उपस्थिति रहे।

मोर्चा के महासचिव शशि कुमार मिश्र ने इप्सेफ के निर्णय के प्रस्ताव को बैठक में रखा जिस पर मोर्चा के सभी पदाधिकारियों ने समर्थन किया है। 6 मार्च को  लखनऊ में नगर निगम पर सत्याग्रह में सत् प्रतिशत भागीदारी करने का निर्णय लिया। बैठक में यह भी आक्रोश व्यक्त किया गया कि उप्र सरकार 7 वें वेतन आयोग की वेतन विसंगतियों पर वेतन समिति की संस्तुतियों को लागू नहीं हो रही है। जिसकी वजह से कर्मचारियों में अत्यधिक आक्रोश व्याप्त है। रिक्त पदों पर भर्ती एवं पदोन्नतियां भी समय से नहीं हो रही है। आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को विभागीय रिक्त पदों पर नहीं रखा जा रहा है जो कि गलत है। घाटे में चल रहे राजकीय निगमों के कर्मचारियों को वेतन, भत्ते एवं अन्य सुविधायें नहीं मिल रही है। स्थानीय निकाय कर्मचारियों की वेतन विसंगतियां, कैडर पुनर्गठन तक दैनिक कर्मचारियों का नियमितीकरण नहीं हो रहा है। तदर्थ शिक्षकों का विनियमितीकरण नहीं किया जा रहा है। जिससे कर्मचारी एवं शिक्षक अत्यधिक आक्रोशित है। कैशलेश इलाज की व्यवस्था भी ठीक से लागू नहीं हो पा रही है।

सभी संगठनों ने सत्याग्रह को पूरा सफल बनाने का संकल्प लिया। मोर्चा ने प्रदेश सरकार से आग्रह भी किया कि यदि मांगों पर निर्णय नहीं हुआ तो जल्द ही बड़ा आन्दोलन करने को बाध्य होना पड़ेगा। मोर्चा ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि प्रदेश की लम्बित मांगों पर तत्काल स्वयं बैठक करके निर्णय करके आपसी सद्भाव कायम करे। इससे प्रदेश के विकास में तेजी आयेंगी।

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