बदायूं: एक और राष्ट्रीय सचिव का इस्तीफा, सपा की बढ़ सकती है परेशानी

बदायूं: एक और राष्ट्रीय सचिव का इस्तीफा, सपा की बढ़ सकती है परेशानी

बदायूं, अमृत विचार। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे समाजवादी पार्टी की परेशानी बढ़ती जा रही है। सपा के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम इकबाल शेरवानी, स्वामी प्रसाद मौर्य और फिर राष्ट्रीय सचिव योगेंद्र तोमर के बाद अब दूसरे राष्ट्रीय सचिव आबिद रजा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। 

उन्होंने दिल्ली में प्रेस वार्ता करके सपा के जिम्मेदारों पर गंभीर आरोप लगाए। कहा कि कई निर्णय की वजह से पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट रहा है। राजनेताओं के लगातार बगावत की वजह से चुनाव में सपा को कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

अन्य पदाधिकारियों के इस्तीफा देने के बाद माना जा रहा था कि बदायूं में मुस्लिम वर्ग को आबिद रजा सहेज लेंगे लेकिन राज्यसभा चुनाव में मुस्लिम प्रत्याशी न उतारने पर आबिद भी विरोधी सुर में आ गए हैं। 

मंगलवार को उन्होंने दिल्ली में प्रेस वार्ता की। पार्टी पर हिंदुओं के वोट को न सहेजने, मुस्लिम लीडरशिप को खूबसूरत अंदाज से खत्म करने, ओवर कांफिडेंस पार्टी द्वारा पार्टी को खोखला व कमजोर करने की बात कहते पद छोड़ दिया। दिल्ली में उनके इस्तीफा के बाद जिले में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। मुस्लिम वर्ग में खासी चर्चा है कि शिवपाल यादव लोकसभा चुनावों में पार्टी से बागी हुए अपनों को कैसे साधेंगे और भाजपा से मुकाबला करेंगे।

प्रत्याशी बदलने से नाराज हैं लोग
सपा ने धर्मेंद्र यादव को बदायूं लोकसभा से प्रत्याशी बनाया था लेकिन कुछ ही दिनों के बाद सपा ने प्रत्याशी बदल दिया। धर्मेंद्र यादव के चाचा शिवपाल यादव को प्रत्याशी बनाया है। टिकट कटने के दिन कुछ लोगों ने धर्मेंद्र यादव के आवास पर नारेबाजी की थी। धर्मेंद्र यादव नहीं तो कोई नहीं का नारा लगाया था। उनका टिकट कटने के बाद पार्टी के ही कई लोग खासे नाराज हैं। वह धर्मेंद्र यादव को जिताऊ प्रत्याशी मान रहे थे।

ये भी पढे़ं- Budaun: डंपर और कार की भिड़ंत में जूता-चप्पल व्यापारी की मौत, चार अन्य घायल