Bareilly News: महंत कमल नयन दास की षड़यंत्र रचकर हुई हत्या, कोर्ट ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच का दिया आदेश

Bareilly News: महंत कमल नयन दास की षड़यंत्र रचकर हुई हत्या, कोर्ट ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच का दिया आदेश

बरेली, अमृत विचार। महंत कमल नयन दास की षड़यंत्र रचकर हत्या करने का आरोप लगाते हुए दिनेश्वर दास चेला की ओर से दाखिल की गयी अर्जी को सीजेएम कोर्ट ने मंजूर कर लिया है। कोर्ट ने थानाध्यक्ष किला को अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया है।

वादी के अधिवक्ता लवलेश पाठक ने बताया कि किला तुलसी मठ, निवासी दिनेश्वर दास चेला ने कोर्ट में अर्जी देकर बताया था कि मठ में 40 साल से दादा गुरु केशव दास एवं गुरु महंत कमल नयन दास की सेवा कर रहा था। 

दादा गुरु महंत केशवदास के देहावसान के बाद महन्त कमल नयन दास को मठ का उत्तराधिकारी मानते मनोनयन हुआ था। महंत कमल नयन दास के प्रमुख चेला के रूप में वह कार्य कर रहा था। उन्होंने अपने जीवनकाल में दिनेश्वर दास के उत्तराधिकारी होने की घोषणा कर दी थी। 

कोर्ट में दी अर्जी में नीरज मिश्रा, अम्बा दत्त पचैरी, विष्णु दत्त पचैरी, कमला पाण्डेय, महेश चन्द्र पाण्डेय, पंकज पाण्डेय, पूनम पन्त, सुमन, जितेन्द्र कुमार पाण्डेय, शिव अवतार मिश्रा, ब्रहम स्वरूप, मुनीश, कृष्ण मुरारी पाठक, जम्मू कश्मीर में तैनात भारतीय सेना में धर्मगुरू दुर्गेन्द्र चतुर्वेदी, अनुपमा मिश्रा, ज्वाला प्रसाद मिश्रा आदि पर आपराधिक षडयंत्र करने का आरोप लगाया है। 

महन्त कमल नयन दास की बहन कमला पांडेय व आरोपियों ने मठ की जमीन व अन्य स्रोतों से होने वाली आय के तीन करोड़ रुपये गबन करने का भी आरोप है। जिसका महंत कमल नयन दास ने विरोध किया था। इसी वजह से आरोपी उनकी हत्या का षडयंत्र रचने लगे। षड्यंत्र के तहत इलाज के नाम पर महन्त को ऐसी दवाइयां दीं, जिससे वह रोगग्रस्त हो गये। 25 मई 2022 की रात में आरोपियों ने महन्त को जहर दे दिया। 

स्थिति खराब होने पर महन्त ने चेला को बुलाकर कहा कि मुझे दवा के नाम पर शिव अवतार मिश्रा, दुर्गेन्द्र चतुर्वेदी, कृष्ण मुरारी पाठक, नीरज मिश्रा ने अपने साथियों के साथ मिलकर जहर दे दिया है, मुझे बचा लो। जब चेला इलाज के लिए अस्पताल ले जाने लगा तो इन लोगों ने रोक लिया। मारा पीटा और धमकी दी कि अगर महन्त को अस्पताल ले गये तो तुम्हारी हत्या कर देंगे और कमरे में बन्द कर दिया। 

26 मई 2022 की शाम 5 बजे महन्त की मृत्यु हो गयी। शव को फ्रीजर में रखकर फूलों से ढक दिया, ताकि उनके शरीर पर जहर के लक्षण दिखाई न दें। हथियारों के बल पर धमकाया कि अगर कहीं शिकायत की तो जान से मार देंगे, इस वजह से शव का पोस्टमार्टम नहीं हुआ। महन्त का शव जमीन में दफन कर दिया गया। सभी आरोपी मठ की सम्पत्ति को खुर्द-बुर्द कर रहे हैं। पुलिस जांच के नाम पर टहलाती रही, तब न्याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया।

अदालत की टिप्पणी
मामला हत्या से सम्बन्धित है जो कि गंभीर प्रकृति का है। प्रथम दृष्टया हत्या होना प्रतीत हो रहा है। मामले के सारभूत निष्कर्ष के लिए पुलिस जांच कराया जाना जरूरी है। चूंकि हत्या का प्रत्यक्ष तौर पर कोई चश्मदीद नहीं है लेकिन मामला संज्ञेय अपराध से जुड़ा है। इसलिए प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किया जाना न्यायोचित है।'-सौरभ कुमार वर्मा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बरेली

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