Bareilly News: दिवंगत पूर्व विधायक वीरेंद्र सिंह का कार्यालय और कोठी खाली कराने पहुंची टीम, जमकर हंगामा
बरेली, अमृत विचार। बसपा के दिवंगत पूर्व विधायक वीरेंद्र सिंह की पवन विहार में बनी कोठी और कार्यालय को अवैध कब्जा करार देते हुए अदालत ने खाली कराने का आदेश दिया है। बृहस्पतिवार को कोर्ट के अमीन के साथ भारी पुलिस फोर्स कोठी और कार्यालय खाली कराने पहुंची तो जमकर हंगामा हुआ।
पूर्व विधायक के बेटे आशीष पटेल ने बिना नोटिस कार्रवाई का आरोप लगाते हुए कोठी और कार्यालय खाली करने से इन्कार कर दिया। जमकर नोकझोंक और तनातनी के बीच कई घंटे तक माहौल गर्म रहने के बाद आशीष को कोर्ट का नोटिस तामील कराकर टीम लौट गई।
पवन विहार में जिस जमीन को अदालत के आदेश पर टीम खाली कराने पहुंची थी, उस पर पूर्व विधायक वीरेंद्र सिंह की कोठी और कार्यालय के साथ पार्किंग और दो अन्य मकान बने हुए हैं। इस जमीन को लेकर रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल सूरज प्रकाश दुआ, रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल नरेंद्र मोहन और शौकत अली नाम के शख्स के बीच 2010 से अदालत में केस चल रहा था। अदालत ने 28 फरवरी को सूरज प्रकाश दुआ के हक में फैसला सुनाते हुए उन्हें इस जमीन पर कब्जा दिलाने का आदेश दिया था। इसी के बाद कोर्ट के अमीन राकेश चंद्र के साथ बारादरी पुलिस की टीम कब्जा खाली कराने पवन विहार पहुंची थी।
अमीन ने कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए जैसे ही दिवंगत पूर्व विधायक के बेटे आशीष पटेल से कोठी और कार्यालय खाली करने को कहा, पवन विहार में हल्ला कट गया। कुछ ही देर में आशीष के कई समर्थक इकट्ठे हो गए। आशीष और उनके समर्थकों ने राजनीतिक दबाव में साजिश के तहत बिना कोई नोटिस दिए कार्रवाई का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। तनातनी बढ़ी तो सीओ थर्ड अनीता चौहान भी मौके पर पहुंच गईं। कई घंटे तक गर्मागर्मी का माहौल रहा। अंतत: अमीन ने आशीष पटेल को कोर्ट का नोटिस तामील कराया। इसके बाद टीम लौट गई।
कब्जा दिलाकर पहली मार्च को कोर्ट में देनी है रिपोर्ट
अमीन राकेश चंद ने बताया कि कोर्ट ने 28 फरवरी को जारी आदेश में रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल सूरज प्रकाश दुआ को 29 फरवरी को कब्जा दिलाने को कहा है। कब्जा दिलाने के बाद उन्हें एक मार्च को कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करनी है? इसी आदेश पर वह बारादरी पुलिस के साथ पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि इससे पहले 1985 में भी केस दायर किया गया था। उसमें भी सूरज प्रकाश दुआ जीत गए थे। 2010 में फिर अवैध कब्जा हटवाने के लिए केस दायर किया गया, इसमें भी दुआ के पक्ष में फैसला आया है। विवादित जमीन पर अवैध रूप से दो घर, कार्यालय और कार पार्किंग बनाकर कब्जा किया गया है।
सबको गोली मार दो, फिर खाली होगा मकान
अमीन के पहुंचते ही आशीष पटेल के साथ कॉलोनी के तमाम लोग एकजुट हो गए। औरतों और बच्चों को भी बुला लिया। बोले, सभी को गोली मार दो, उसके बाद ही मकान खाली किया जाएगा। मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मियों से भी इन लोगों से काफी नोकझोंक हुई। विवाद बढ़ने के बाद इंस्पेक्टर बारादरी अमित पांडे और सीओ अनिता चौहान और फोर्स लेकर पहुंचे। विरोध की वजह से कोठी और कार्यालय खाली कराने का इरादा छोड़कर टीम ने आशीष को नोटिस तामील कराकर लौट गई।
कोर्ट के आदेश पर कब्जा खाली कराने के लिए अमीन आए थे। सुरक्षा के लिए पुलिस की टीम भी पहुंची थी। आशीष पटेल को नोटिस दिया गया है। किसी तरह का कोई विवाद नहीं हुआ। - अनिता चौहान, सीओ
कोर्ट ने अवैध कब्जा तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश दिया है। आशीष पटेल सरासर झूठ बोल रहे हैं कि उन्हें इस मामले में पहले कोई नोटिस नहीं दिया गया। उनके पिता खुद इस केस में कोर्ट गए थे और हार गए थे। - सूरज प्रकाश दुआ, रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल
जिस गाटा नंबर का नोटिस दिया गया है, वह खेत का है। अब यहां मकान बन गए हैं। ऐसे में गाटा नंबर कहां से आ गया। बिना कोई नोटिस दिए पुलिस फोर्स मेरे घर पहुंच गई। इससे पहले किसी तरह की कोई सूचना नहीं दी गई। - आशीष पटेल, दिवंगत पूर्व विधायक वीरेंद्र सिंह के बेटे
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