बरेली: अद्भुत और सुंदर...'पंख वाले किन्नर' खुद में समेटे हैं पौराणिक इतिहास

बरेली: अद्भुत और सुंदर...'पंख वाले किन्नर' खुद में समेटे हैं पौराणिक इतिहास

प्रीति कोहली, बरेली। प्राचीन मूर्तियां दिखाने वाले हैं। जो महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास एवं संस्कृति विभाग के पांचाल संग्रहालय में पंडित सुरेंद्र मोहन मिश्र वीथिका में सुव्यवस्थित हैं। इन मूर्तियों में मध्यकालीन अद्भुत कला और सुंदरता के साथ पंख वाले किन्नर भी शामिल हैं, जो इस वीथिका में पहुंचने वाले दर्शकों के बीच आकर्षण का केंद्र रहते हैं, जिन्हें आप भी जरूर देखना पसंद करेंगे। 

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दरअसल, यह मूर्तियां रुहेलखंड क्षेत्र के संभल जनपद के चंदौसी नगर में दिवंगत पंडित सुरेंद्र मोहन मिश्र के परिवार ने संग्रहालय के लिए दान में दीं थीं। जिन्हें पंडित सुरेंद्र मोहन मिश्र वीथिका नाम से बनाई गई गैलरी में संजोकर सुरक्षित रखा गया है।

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पंख वाले किन्नर इस वीथिका में घुसते ही सबसे पहले शोकेस में रखी गई है। जिनमें से पहली मूर्ति बड़ी ही अद्भुत और खुद में पौराणिक इतिहास समेटे हुए है। 

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इस मूर्ति पर एक बढ़ा ही डेकोरेटिव ट्री स्टेज में छत्र लगा हुआ है, जिसे देखकर लग रहा है कि ये राजछत्र रहा होगा। उसके ऊपर जैन तीर्थंकरों सहित किन्नर का देखा जा सकता है। इस मूर्ति में दो तरफ दो हाथी बने हुए हैं। जिनके ऊपर गंधर्व बैठे हुए हैं और इस छत्र के दोनों तरफ किन्नर हमें दिखते हैं। जो जैन धर्म को निरुपित कर रहे हैं।

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