बदायूं: जिला अस्पताल में लगी भीषण आग, छह एंबुलेंस जलकर हुई राख

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Published By Vishal Singh
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गुल हुई बिजली, बार्डो में छाया अंधेरा, मरीजों को हुई परेशानी

बदायूं, अमृत विचार। जिला अस्पताल में कई सालों से खड़ी निष्प्रयोज्य एंबुलेंस में आग लग गई। जिसमें आधा दर्जन एम्बुलेंस जल कर राख हो गई। सूचना मिलने के आधे घंटे बाद पहुंची दमकल की गाड़ियों ने काफी देर तक मशक्कत करने के बाद आग पर काबू पाया। आग की सूचना मिलने पर पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। अग्निकांड के बाद अस्पताल की बिजली गुल हो गई। आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है।

जिला अस्पताल में 6 निष्प्रयोज्य एम्बुलेंस कई सालों से खड़े हैं। इसमें 108 की दो और 102 की चार एम्बुलेंस हैं जो पूरी तरह कबाड़ थीं। इन्ही एम्बुलेंस के पास कुछ अन्य सामान भी पड़ा था। बुधवार शाम करीब 6-30 बजे संदिग्ध परिस्थितियों में घास जलने लगी। घास जलने के साथ ही एम्बुलेंस को भी आग की लपटों ने अपनी चपेट में ले लिया। एम्बुलेंस जलने के बाद आग की लपटें और काला धुआं उठने लगा।

अस्पताल परिसर में खड़ी एम्बुलेंस में आग लगने से आग की लपटें दूर से दिखाई देने लगी जिससे लोग इधर उधर से निकल कर अस्पताल की और दौड़ पड़े। आग लगने की सूचना मिलने पर कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। सीओ सिटी आलोक मिश्रा भी कुछ ही देर में मौके पर पहुंच गए। उनके पहुंचने पर पुलिस ने आस पास खड़े लोगों को वहां से हटाया।

आग की लपटों ने सभी आधा दर्जन एम्बुलेंस को अपनी चपेट में ले लिया। उनके टायर जलने से आग का काला धुआं का गुब्बार जब शहर के लोगों ने देखा तो आग लगने का पता चला। आग लगने की सूचना अग्निशमन दल को दी गई, जिसके आधे घंटे बाद दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची। दोनों गाड़ियों से पानी डाल कर काफी देर तक आग बुझाने का प्रयास किया गया।

आग की लपटों के कारण आग बुझाने में भी भारी परेशानी हुयी। करीब 45 मिनट की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। आग लगने से वहां पर खड़ा एक पुराना हरा भरा पेड़ भी जल गया। अस्पताल में बने शौचालय की दीवारें भी आग की लपटों की चपेट में आने से चटक गयीं। आस पास का पूरा क्षेत्र जल कर राख हो गया।

आग लगते ही अस्पताल की बिजली गुल हो गयी जिससे पूरे अस्पताल में अंधेरा छा गया सभी वार्ड अंधेरे में डूब गए। कर्मचारियों ने भी अंधेरे में मरीजों को मुश्किल वार्ड में रोका। अग्निकांड को देख मरीज भी वार्ड से निकल निकल कर भागने लगे।



जिला अस्पताल में आग लगने के बाद ऑक्सीजन प्लांट बंद कर दिया गया। उसके चारों ओर कड़ी सुरक्षा घेरा बनाया गया जिससे आग से इधर कोई क्षति न पहुंचे। ऑक्सीजन प्लांट बंद होने से वार्ड में ऑक्सीजन की सप्लाई भी ठप हो गयी। ऑक्सीजन नहीं मिलने से दो मरीजों की हालत बिगड़ गई जिससे उसके परिजन ने वहां पर हंगामा कर दिया। उसे समझाया गया कि कुछ देर के लिए प्लांट बंद किया गया है उसके बाद सप्लाई शुरू कर दी जाएगी। हंगामा करने वाले को लोगों ने पकड़ कर अलग किया और उसे वहां से बाहर कर दिया गया।

जिला अस्पताल में एंबुलेंस में आग कैसे लगी इसकी कोई जानकारी नहीं है। यहां पर अक्सर लोग घूमते रहते हैं किसी ने जलती हुई बीड़ी सिगरेट डाल दी होगी जिससे घास ने आग पकड़ ली और लपटों ने एम्बुलेंस को चपेट में ले लिया। हालांकि यहां पर खड़ी सभी एम्बुलेंस निष्प्रयोज्य थीं। उनमें कुछ नहीं था इसलिए अस्पताल प्रशासन को अधिक क्षति का अनुमान नहीं हैं। अब इनके बारे में जानकारी की जाएगी । अग्निकांड से किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है। यह बड़ी बात है-डा. कप्तान सिंह - सीएमएस।

जिला अस्पताल में काफी समय पहले फायर यूनिट लगाया गया है जो आधा अधूरा है। चार महीना बीत जाने के बाद भी यूनिट चालू नहीं किया गया है। इसी तरह के अग्निकांडों को रोकने के लिए यह फायर यूनिट लगाया गया है। यूनिट के प्वाइंट बना कर छोड़ दिए गए हैं। इस बारे में कई बार अस्पताल प्रशासन से जानकारी की गयी तो बताया गया कि काम पूरा हो चुका है। लेकिन आज जब आग से लाखों का नुकसान हो गया तो फायर यूनिट काम नहीं आया। अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते हादसा बताया जा रहा है।

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