अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2024: कड़े संघर्ष से प्रिया ने लिखी सफलता की इबारत, बनी अपर सिविल जज
साधारण परिवार में जन्मी, बिना कोचिंग प्रथम प्रयास में पास की पीसीएस जे परीक्षा, बनी अपर सिविल जज
सुनील यादव/पीलीभीत, अमृत विचार। महिलाओं के प्रति समाज का नजरिया बदला है। यह बदलाव उन महिलाओं की देन है, जिन्हानें ने अपने हौंसले से मुश्किल रास्तों को सुगम बनाया और सफलता की मंजिल हासिल की। शहर निवासी प्रिया मिश्रा ने भी कड़े सघर्ष के बाद ऐसा मुकाम हासिल किया, जो जिले के महिलाओं के लिए एक मिसाल है। प्रिया वर्तमान में अपर सिविल जज के पद पर तैनात है। उन्होंने यह सफलता बिना कोचिंग प्रथम प्रयास में हासिल की।
शहर के आवास विकास कॉलोनी निवासी एवं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज कुमार मिश्रा एवं उमा देवी की पुत्री प्रिया मिश्रा की प्रारंभिक शिक्षा पूरनपुर के लकी चिल्ड्रेन स्कूल में हुई। पिता मनोज कुमार मिश्रा पीलीभीत में प्रेक्टिस करते थे। वर्ष 2007 में यह परिवार पूरनपुर से पीलीभीत की आवास विकास कॉलोनी में आकर रहने लगा। बेटी प्रिया की प्रतिभा को देखते हुए दाखिला शहर के सेंट एलायसियस कॉलेज में कराया गया। कक्षा सात से लेकर बारहवीं तक की पढ़ाई इसी कॉलेज में की।
इसके बाद उन्होंने बरेली के इस्लामिक लॉ कॉलेज से बीए एलएलबी और रुहेलखंड विश्वविद्यालय से एलएलएम की परीक्षा पास की। इस दौरान परिवार ने कई उतार चढ़ाव भी देखे, लेकिन उन्होंने बेटी की शिक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया। पिता को हिम्मत हारता न देख बेटी ने भी मन ही मन संकल्प लिया कि वह कुछ ऐसा करेगीं जिससे उनके माता-पिता ही नहीं बल्कि जिले का भी मान बढ़ेगा। पिता की तरह की न्यायिक क्षेत्र में जाने के उद्देश्य से उन्होंने पीसीएस जे की तैयारी शुरू की।
पिता मनोज के मुताबिक परीक्षा की तैयारी के दौरान प्रिया ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। कड़ाके की ठंड के बावजूद सुबह चार बजे तक पढ़ाई करता देख एकबारगी तो पिता का दिल भी पसीज उठा और उन्होंने प्रिया से पीएचडी कर प्रोफेसर बनने की सलाह दे डाली, लेकिन प्रिया अपनी बात पर अडिग रहीं। मध्यमवर्गीय परिवार के पास इतनी पूंजी भी नहीं थी कि वे होनहार बेटी को किसी कोचिंग में दाखिला दिला सकें। बकौल प्रिया: पीसीएस जे की तैयारी के दौरान मन में ख्याल आया था कि अगर कोचिंग ले लूं, तो सबकुछ शायद आसान हो जाएगा।
मगर, परिवार की स्थिति और अन्य दो भाइयों की पढ़ाई में कहीं रुकावट न जाए, मैंने घर पर रहकर ही पढ़ाई की। इस दौरान कई मुश्किलें भी आई, स्वास्थ्य भी गड़बड़ाया, लेकिन सपने को साकार करने की जिद में प्रभु कृपा से मैंने मुशिकलों को रुकावट नहीं बनने दिया। वर्ष 2022-23 में प्रथम प्रयास में प्रिया ने पीसीएस जे परीक्षा पास की। वर्तमान में वह सीतापुर में अपर सिविल जज के पद पर तैनात है। साधारण परिवार से अपर सिविल जज तक के सफर को देख आज अधिकांश महिलाएं उनके जैसा बनने का सपना देख रही हैं।
बेहद धार्मिक स्वभाव की है प्रिया
पिता मनोज कुमार मिश्रा के मुताबिक प्रिया बचपन से ही मेधावी और धार्मिक स्वभाव की रही है। आठ साल की आयु से ही प्रिया ने गिरिराज महाराज की परिक्रमा करनी शुरू कर दी। हर महीने सात व्रत रखती हैं। प्रिया आज भी अपने साथ मनमोहन की प्रतिमा रखती है और प्रतिदिन सेवा करती है।
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