नैनीताल: पाकिस्तान का राष्ट्रीय पशु मारखोर बढ़ाएगा नैनीताल चिड़ियाघर की शान, किंग कोबरा को मार डालता है मारखोर

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Published By Bhupesh Kanaujia
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गौरव जोशी, नैनीताल, अमृत विचार। पाकिस्तान का राष्ट्रीय पशु मारखोर अब नैनीताल के पंडित गोविंद बल्लभ पंत उच्च स्थलीय प्राणी उद्यान की शोभा बढ़ाएगा। नैनीताल आने वाले पर्यटक मारखोर का दीदार कर सकेंगे। 

रविवार को दार्जिलिंग चिड़ियाघर से मादा मारखोर को नैनीताल चिड़ियाघर लाया गया है। उसे अभी स्वास्थ्य परीक्षण के लिए चिड़ियाघर में रखा गया है। जिसे अगले सप्ताह से दर्शकों के दीदार के लिए रखा जाएगा। चिड़ियाघर के रेंजर प्रमोद तिवारी ने बताया कि एनिमल एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत एक मादा मारखोर, एक जोड़ा गोल्डन फिजेंट, एक जोड़ा सिल्वर फिजेंट को नैनीताल चिड़ियाघर लाया गया है।

चिड़ियाघर के बायोलॉजिस्ट अनुज कांडपाल ने बताया मारखोर मुख्यतः उच्च हिमालय क्षेत्र लेह लद्दाख, भारत-पाकिस्तान से लगी सीमावर्ती क्षेत्र में पाया जाता है। इसके अलावा मारखोर पाकिस्तान का राष्ट्रीय पशु है। मारखोर भारत के मात्र दो चिड़ियाघर नैनीताल और दार्जिलिंग में पाया जाता है। इनकी संख्या बढ़ाई जाने को लेकर काफी लंबे समय से नैनीताल और दार्जिलिंग चिड़ियाघर के बीच पत्राचार चल रहा था। केंद्रीय चिड़ियाघर प्रबंधन से अनुमति मिलने के बाद अब मारखोर की मादा प्रजाति को नैनीताल लाया गया है। दार्जिलिंग से लाई मारखोर के बाद अब नैनीताल चिड़ियाघर में इनकी संख्या एक नर मारखोर और एक मादा हो गई है। 

किंग कोबरा को मार डालता है मारखोर
चिड़ियाघर के बायोलॉजिस्ट अनुज कांडपाल बताते हैं कि हिमालय क्षेत्र में रहने के कारण मारखोर की शारीरिक और सींग की बनावट बेहद मजबूत होती है। मारखोर इतना शक्तिशाली होता है कि खतरनाक किंग कोबरा को अपने दांतों से चबा डालता है और किंग कोबरा के जहर का मारखोर पर कोई असर नहीं होता।

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