मुख्यमंत्री योगी की सभा से पहले बरेली कॉलेज में नुक्कड़ नाटक का विरोध

दिल्ली के गार्गी कॉलेज की छात्राएं कर रही थीं नाटक, प्राचार्य ने रुकवाया

मुख्यमंत्री योगी की सभा से पहले बरेली कॉलेज में नुक्कड़ नाटक का विरोध

बरेली, अमृत विचार। बरेली कॉलेज में मुख्यमंत्री की जनसभा से पहले दिल्ली के गार्गी कॉलेज की छात्राओं के नुक्कड़ नाटक को बीच में रुकवा दिया गया। नाटक के राजनीति से प्रेरित होने की वजह से प्राचार्य और चीफ प्रॉक्टर ने छात्राओं को वापस भेज दिया। वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने नाटक को कम्युनिस्ट मानसिकता और राष्ट्र विरोधी बताते हुए विरोध जताया। नाटक की रिकार्डिंग कर रहे कैमरामेन से जमकर कहासुनी हुई और हाथापाई की नौबत आ गई।

विंडरमेयर थियेटर की ओर से बरेली कॉलेज के चीफ प्रॉक्टर प्रो. आलोक खरे से पिछले महीने कॉलेज में सामाजिक मुद्दों को लेकर नुक्कड़ नाटक कराने का अनुरोध किया गया था। चीफ प्रॉक्टर ने इसकी अनुमति दी और 13 मार्च की तिथि तय की गई। इसकी व्यवस्था की जिम्मेदारी प्रो. नीलम गुप्ता को दी गई। जब कॉलेज में मुख्यमंत्री की जनसभा तय हुई तो मंगलवार रात कार्यक्रम निरस्त करने की बात हुई लेकिन पहले से निर्धारित कार्यक्रम की वजह से इसे मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से पहले कराने का निर्णय लिया गया। 

कार्यक्रम बुधवार सुबह 11 बजे होना था लेकिन गार्गी कॉलेज की छात्राएं दोपहर में करीब एक बजे पहुंचीं। बीएड डिपार्टमेंट में नुक्कड़ नाटक शुरू हुआ और करीब 10 मिनट के बाद ही इसे रुकवा दिया गया। प्राचार्य प्रो. ओपी राय ने बताया कि नाटक राजनीति से प्रेरित और कुछ आपत्तिजनक होने की वजह से इसे तुरंत रुकवा दिया गया।

 चीफ प्रॉक्टर प्रो. आलोक खरे ने बताया कि नाटक को रुकवा दिया गया था लेकिन इसके बाद विद्यार्थी परिषद ने विरोध किया। विरोध की वजह से छात्राओं को तुरंत उनकी बस में सुरक्षित बैठाकर भिजवाया गया। बताया जा रहा है कि नाटक की थीम नहीं बताई गई थी। पहले तय किया गया था लेकिन रिहर्सल देखने के बाद ही नाटक होगा लेकिन मुख्यमंत्री की सभा की वजह से इसे जल्द खत्म कराने की वजह से बिना रिहर्सल देखे शुरू किया गया।

वहीं विद्यार्थी परिषद ने इसे कम्युनिस्ट विचारधारा का बताते हुए विरोध किया। महानगर मंत्री श्रेयांश वाजपेई का आरोप है कि नाटक में छात्राओं के कपड़ों पर भी अमर्यादित टिप्पणी की गई। इसमें देश विरोधी बातें कहीं गईं। नाटक में किसान आंदोलन, कश्मीर और सीएए के मुद्दे भी गलत तरीके से पेश किए गए।

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