Unnao: युवक की हत्या में सगे भाइयों समेत छह को मिली उम्र कैद; 19 साल पहले पुरानी रंजिश में की थी हत्या

मामले में एक महिला आरोपी की ट्रायल के दौरान हो चुकी मौत

Unnao: युवक की हत्या में सगे भाइयों समेत छह को मिली उम्र कैद; 19 साल पहले पुरानी रंजिश में की थी हत्या

उन्नाव, अमृत विचार। बारासगवर थाना क्षेत्र के ग्राम गढ़ेवा में 19 साल पहले हुए हत्याकांड की सुनवाई कोर्ट में पूरी हुई। विशेष न्यायालय ने एससी एसटी एक्ट में हत्या के आरोपी दो सगे भाइयों समेत छह आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद के साथ सभी पर 17-17 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। इसी मामले में एक महिला आरोपी की ट्रायल के दौरान मौत हो चुकी है।

बता दें बारासगवर थाना क्षेत्र के गढ़ेवा गांव निवासी राजन अवस्थी ने सात अप्रैल 2004 को अपने बेटे सुरेंद्र कुमार उर्फ पुन्ना की हत्या की रिपोर्ट सात लोगो पर दर्ज कराई थी। उनका आरोप था कि गांव के ही चन्द्र कुमार अवस्थी पुत्र स्व. रमेश प्रसाद के परिवार से उनकी पुरानी रंजिश चल रही थी। घटना वाले दिन दोपहर करीब 2:30 बजे बेटा सुरेंद्र गांव के राम प्रसाद पुत्र परागी व उसकी पत्नी ज्ञानवती को गेहूं कटाई के लिए बुलाने गया था। 

उसी के घर के पास पहले से घात लगाए चन्द्र कुमार अवस्थी, रवि शंकर व झोटू पुत्रगण नन्हें तिवारी, सुन्दर पुत्र चन्दू तिवारी व सुरेश पुत्र बाबू लाल निवासी नरघुवा, राम प्रसाद उर्फ दुन्नी उसकी पत्नी ज्ञानवती असलहों और धारदार हथियारों से लैस खड़े थे। चन्द्र कुमार के ललकारने पर रामप्रसाद ने कुल्हाड़ी और उसकी पत्नी ने गड़ासे से सुरेंद्र पर हमला कर दिया। 

मौजूद अन्य हमलावरों ने भी अपने असलहों से फायरिंग करनी शुरु कर दी थी। हमले में गंभीर घायल हुए बेटे की मौके पर मौत हो गई थी और बचाने पिता व अन्य परिजनों को चोटें आई थी। रिपोर्ट कर पुलिस ने सभी को पकड़ा और उनकी निशान देही पर आला कत्ल कुल्हाड़ी व गड़ासा बरामद करते हुए जेल भेज दिया था। 

आईओ ब्रजमोहन यादव ने सभी के विरुद्ध 29 अप्रैल- 2006 को कोर्ट में चार्ज शीट दाखिल की। तब से मुकदमा व एससी एसटी  एक्ट की विशेष कोर्ट में  विचाराधीन था। शनिवार को मुकदमें की अंतिम सुनवाई पूरी हुई। शासकीय अधिवक्ता मनोज कुमार की ओर से पेश की गई दलीलों और पुलिस द्वारा जुटाए गए सबूतों के आधार पर एडीजे मो. असलम सिद्दकी ने रामप्रसाद उर्फ दुन्नी, रवि शंकर, झोटू तिवारी ,सुरेंद्र, सुरेश ,चन्द्र कुमार अवस्थी को दोषी करार देते हुए सभी को उम्रकैद की सजा सुनाई। ट्रायल के दौरान महिला आरोपी ज्ञानवती की मौत हो गई थी।

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