बरेली: सालों गुजर गए नहीं मिला पारिवारिक लाभ, लंबित पड़े हैं तमाम महिलाओं के आवेदन
अनुपम सिंह, बरेली: पारिवारिक लाभ योजना 18 से 60 साल की उन महिलाओं को सहारा देने के लिए है, पति के गुजर जाने से जिनके पास गुजारे का कोई विकल्प नहीं होता। योजना के तहत ऐसी महिलाओं को 30 हजार रुपये की एकमुश्त सहायता देने का प्रावधान है लेकिन हर जरूरतमंद महिला को यह लाभ मिलेगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है। जिले में तमाम ऐसी महिलाएं हैं, आवेदन करने के बाद सहायता मिलने की आस में जिनके कई साल कट चुके हैं।
समाज कल्याण विभाग के आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 में ही जिले में 1374 महिलाओं ने पारिवारिक लाभ के लिए आवेदन किया था। दावा है कि इनमें से 1278 महिलाओं को योजना का लाभ दे दिया गया लेकिन 96 महिलाएं अब तक वंचित हैं। इन महिलाओं को पारिवारिक योजना का लाभ क्यों नहीं मिला, समाज कल्याण विभाग के अफसरों ने यह भी साफ नहीं किया। तमाम महिलाओं के आवेदन इससे भी पुराने हैं, लेकिन उन्हें भी लाभ नहीं मिला है।
अब सीधे लखनऊ से होता है लाभार्थियों का चयन
कुछ समय पहले तक आवेदन के बाद एसडीएम उसकी जांच कर समाज कल्याण विभाग को रिपोर्ट भेजते थे। इसी आधार पर लाभार्थियों का चयन किया जाता था लेकिन अब शासन ने इस प्रक्रिया से एसडीएम को हटा दिया है। अब ऑनलाइन आवेदन करने के बाद विभाग जांच करके लखनऊ फाइल भेजता है।
शासन स्तर से भी जांच होती है जिसके बाद पात्र महिलाओं को धनराशि जारी कर दी जाती है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक व्यवस्था में बदलाव के बाद नए सिरे से महिलाओं के आवेदन लिए गए थे। इस वजह से देर तो हुई ही, आवेदकों को नई फाइल तैयार कराने के लिए बेवजह भागदौड़ करनी पड़ी।
केस-1
समाज कल्याण विभाग कार्यालय पहुंची सीबीगंज की मंजू साहू ने पटल देखने वाले बाबू से शिकायत की कि आवेदन के कई महीने बाद भी उनका पैसा नहीं आया है। बाबू ने उन्हें नए सिरे से दोबारा आवेदन करने को कहा। मंजू ने बताया कि उन्होंने 27 अप्रैल 2023 को आवेदन किया था। तब से वह सात-आठ बार कार्यालय आ चुकी हैं।
केस-2
कटरा चांद खां की रहने वाली माया देवी के पति की मृत्यु जुलाई 2022 में हो गई थी। 24 अगस्त 2022 को आवेदन किया लेकिन अब तक पैसा नहीं मिला। माया देवी का कहना है कि उनका इरादा 30 हजार रुपये मिलने के बाद घर में ही परचून की दुकान खोलने का था। कई महीने पहले वह दोबारा फाइल जमा कर चुकी हैं लेकिन पैसा नहीं आया।
केस-3
सिविल लाइंस की रीतू ने पति ऋषि कुमार की मृत्यु के बाद दाे साल पहले आवेदन किया था। रीतू का कहना है कि समाज कल्याण विभाग के दफ्तर के चक्कर काटते-काटते परेशान हो चुकी हैं। आश्वासन सुनते-सुनते दो साल कट चुके हैं। अधिकारी टालमटोल कर देते हैं। कुछ बताते भी नहीं। कुछ पता नहीं है कि उन्हें पैसा मिलेगा भी या नहीं।
पारिवारिक लाभ योजना का लाभ देने बरेली यूपी में 10वें स्थान पर है। 1278 महिलाओं को पिछले वित्तीय वर्ष में लाभ मिला है, जो रह गए हैं उन्हें आचार संहिता के बाद पैसा मिल जाएगा। अपात्र होने या कागजी प्रक्रिया पूरी न होने पर ही दिक्कत आती है--- मीनाक्षी वर्मा, जिला समाज कल्याण अधिकारी।
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