लोकसभा चुनाव-2024: खाली हाथ रह गए कर्मचारी, अनदेखी से बढ़ा आक्रोश, जानिए क्या है मामला? 

लोकसभा चुनाव-2024: खाली हाथ रह गए कर्मचारी, अनदेखी से बढ़ा आक्रोश, जानिए क्या है मामला? 

लखनऊ, अमृत विचार। स्थाई कर्मचारियों से लेकर संविदा और ठेके पर तैनात कर्मचारियों में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया है। लाखों कर्मचारी और उनके परिवार लंबे समय से मांगों के पूरी होने की आस लगाए बैठे थे। लेकिन शनिवार को चुनाव की तारीखों की घोषणा होते ही आचार संहिता लग गई। जिसकी वजह से मांगों के पूरी होने की आस भी अब जाती रही।

उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष शशि कुमार मिश्र ने बताया कि साल 2017 से लगातार कर्मचारियों की समस्याओं व सेवा सम्बधी मांगों के समाधान के लिए प्रयास संगठन कर रहा है।

इसी के तहत प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री, प्रदेश के मुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री, प्रमुख सचिव नगर विकास से सैकडों ध्यानाकर्षण आन्दोलन, पत्राचार, ज्ञापन आदि के माध्यम से अनुरोध किया जा चुका है। लेकिन खेद है कि हम प्रदेश के निकाय कर्मचारियों की एक भी समस्या का समाधान इन 7 वर्षों में नहीं किया जा सका।

हद तो यह है कि प्रमुख सचिव नगर विकास द्वारा कई बैठकें करके उन जारी एक भी कार्यवृत्त का अनुपालन न करा सके।

उपरोक्त परिस्थितियों में प्रदेश का लाखों कर्मचारी एवं परिवार बहुत ही आक्रोशित है। इसके कारण प्रदेश का लाखों लाख निकाय कर्मचारी खास कर नगर विकास व प्रमुख सचिव नगर विकास द्वारा कर्मचारी समाज की मूलभूत, जरूरी, नियमानुसार सेवा सम्बधी लाभ से वंचित रखें जाने की अनदेखी से आक्रोशित होना स्वाभाविक है।

यह है मांगे?

1-पुरानी पेशंन बहाली
2- आठवें वेतन आयोग के गठन
3- दैनिक वेतन,संविदा, आऊटसोर्सिंग के कर्मचारियों का स्थायीकरण
4- कर्मचारियों का विनियमतीकरण
5-कर्मचारियों की सेवा नियमावली, कैडर रिव्यू, पदोन्नति, रिक्त पदों पर नियमित नियुक्त

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