Good News: आठ साल बाद पनकी पॉवर प्लांट से उठा धुआं...धुआं निकालने और बॉयलर में दबाव मेनटेन करने का ट्रायल

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर में आठ साल बाद पनकी पॉवर प्लांट से उठा धुआं

कानपुर, अमृत विचार। पनकी पॉवर प्लांट में रविवार को लाइटअप करने का प्रोसेस किया गया। चिमनी का धुआं बाहर निकालने के लिए और बॉयलर में दबाव मेनटेन करने के लिए आरडी फैन व कोयला गर्म करने वाले एफडी फैन का संचालन किया गया। स्टीम मशीन, सर्किट आदि मशीनों को भी परखा गया। आठ साल बाद चिमनी से धुआं निकलने पर प्लांट के आसपास से गुजर रहे लोगों ने इस लम्हे को अपने मोबाइल फोन पर कैद कर लिया। 
मशीनें पुरानी होने की वजह से पनकी पॉवर प्लांट का संचालन वर्ष 2016 में बंद हो गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2019 में पनकी पॉवर प्लांट में 660 मेगावाट की नई यूनिट की आधारशिला रखी थी। 80 हेक्टेयर में बने प्लांट का निर्माण भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड करा रही है। 5816.70 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट का काम कोरोना महामारी की वजह से वर्ष 2020 व 2021 में प्रभावित रहा।

जबकि जनवरी 2022 में इसका निर्माण पूरा होना था। इस प्रोजेक्ट की कीमत 912.5 करोड़ रुपये और बढ़ गई। इसका निर्माण पूरा होने के बाद पनकी थर्मल पॉवर प्लांट की 660 मेगावाट इकाई से बिजली उत्पादन होगा, जिसकी शुरुआत की तैयारी उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम ने शुरू कर दी है। पनकी पॉवर प्लांट का 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।

10 प्रतिशत काम मशीनों के सफल संचालन पर निर्भर है। इसलिए अधिकारियों ने रविवार को प्लांट में लाइटअप का प्रोसेस किया। अधिकारियों ने स्टीम मशीन, सर्किट आदि मशीनों की चेकिंग की और चिमनी से धुआं बाहर निकाला। चिमनियों का धुआं बाहर निकालने के लिए और बॉयलर में दबाव मेनटेन करने के लिए आरडी फैन व कोयला गर्म करने में एफडी फैन का संचालन किया गया, जो सफल रहा। साथ ही प्लांट के कंप्रेशर व एयरफ्री हीटर का भी ट्रायल किया गया। ट्रायल होने पर चिमनी से करीब आठ साल बाद धुआं बाहर आया। 

अभी ये भी होना है ट्रायल 

पनकी पॉवर प्लांट के अधिकारी 90 प्रतिशित से अधिक निर्माण पूरा होने की बात कह रहे हैं। अभी यहां पर बॉयलर को लाइटअप करने के बाद आयल और कोयला गर्म किया जाएगा। इसके बाद उसे सिक्रोनाइज यानी समकालिक किया जाएगा। इसके तहत पावर प्लांट का ग्रिड से तालमेल बैठाया जाएगा। उसके बाद फिर ट्रायल होगा। ट्रॉयल में सफल संचालन होने के बाद उत्पादन शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है।

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