दादा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तो नाना थे ब्रिगेडियर, मुख्तार के रिश्ते के चाचा थे पूर्व उपराष्ट्रपति, बंटवारे में परिवार के कई सदस्य चले गये पाकिस्तान

दादा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तो नाना थे ब्रिगेडियर, मुख्तार के रिश्ते के चाचा थे पूर्व उपराष्ट्रपति, बंटवारे में परिवार के कई सदस्य चले गये पाकिस्तान

लखनऊ, अमृत विचार। माफिया मुख्तार अंसारी रसूखदार परिवार से ताल्लुक रखता था। उसके दादा डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। वहीं, नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान को 1947 की लड़ाई में शहीद होने पर महावीर चक्र प्रदान किया गया था। भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी माफिया के रिश्ते के चाचा थे। इतने प्रतिष्ठित परिवार से संबंध रखने के बाद बावजूद मुख्तार ने जरायम की दुनिया में कदम रखा तो मुड़कर पीछे नहीं देखा।

मुख्तार अंसारी का जन्म गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद में 3 जून 1963 को हुआ था। उसके पिता का नाम सुबहानउल्लाह अंसारी और मां का नाम बेगम राबिया था। गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के परिवार की पहचान एक प्रतिष्ठित राजनीतिक खानदान की है। करीब 18 साल से जेल में बंद मुख्तार अंसारी के दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता सेनानी थे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ काम आजादी की लड़ाई में मुख्य भूमिका निभाई। वह 1926-27 में कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। मुख्तार के पिता सुबहानउल्लाह अंसारी गाजीपुर में अपनी साफ सुधरी छवि के साथ राजनीति में सक्रिय रहे थे। भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी रिश्ते में मुख्तार अंसारी के चाचा लगते है।

बंटवारे में परिवार के कई सदस्य चले गये पाकिस्तान

आजादी के बाद जब देश का बंटवारा हुआ तो डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी के परिवार के कई सदस्य पाकिस्तान चले गए। डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी के बेटे सुब्हानउल्लाह अंसारी नामी वामपंथी नेता थे। सुब्हानउल्लाह का निकाह बेगम राबिया के साथ हुआ। दोनों से तीन बेटे हुए। सिबकतुल्लाह अंसारी, अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी।

सिबकतुल्लाह अंसारी दो बार विधायक रह चुके हैं। 2012 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर और 2017 में कौमी एकता दल के टिकट पर सिबकतुल्लाह ने चुनाव जीता था। सिबकतुल्लाह का एक बेटा है सुहेब उर्फ मन्नु अंसारी। मन्नु अंसारी समाजवादी पार्टी से मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट से विधायक है।

दूसरे भाई अफजाल अंसारी पांच बार विधायक रहे हैं। वहीं, दो बार सांसद का चुनाव जीत चुके हैं। 1985, 1989, 1991, 1993 और 1996 में लगातार पांच बार सीपीआई के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। 2004 में सपा के टिकट पर पहली बार लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की। 2019 में दूसरी बार बसपा के टिकट पर पूर्व केंद्रीय रेलमंत्री व जम्मू के राज्यपाल मनोज सिन्हा को हराकर सांसद बने। अब अफजाल अंसारी को चार साल की सजा हुई है। अफजाल की तीन बेटियां हैं।

तीन भाइयों में सबसे छोटा माफिया मुख्तार अंसारी था। प्रदेश ही नही देश के आपराधिक जगत में उसका बड़ा नाम रहा। मुख्तार अंसारी की शुरुआती पढ़ाई युसुफपुर गांव में हुई। इसके बाद उसने गाजीपुर कॉलेज से स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई पूरी की। मुख्तार अंसारी की पत्नी का नाम अफशां अंसारी है। अफशां के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं। अफशां पर यूपी पुलिस ने 75 हजार रुपये का इनाम रखा है। वह लंबे समय से फरार चल रही है। अफशां और मुख्तार के दो बेटे हैं अब्बास अंसारी और उमर अंसारी। अब्बास अंसारी सुभासपा से मऊ का विधायक है। अब्बास अंसारी निशानेबाजी में तीन बार का राष्ट्रीय चैंपियन है। इसके अलावा कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारतीय टीम के साथ खेल चुका है। अब्बास का एक बेटा है। अब्बास की पत्नी का नाम निखत बानो है। अब्बास अभी जेल में बंद है।

वहीं छोटा बेटा उमर अंसारी भी पुलिस के निशाने पर है। उमर पर हेट स्पीच मामले में कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। उमर अभी फरार चल रहा है। लग्जरी गाड़ियों का शौक रखने वाला उमर अपने पिता के राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने में जुटा हुआ था।

नाना ने दिलाई थी नवशेरा में जीत, मिला था महावीर चक्र

मुख्तार अंसारी के नाना बिग्रेडियर मोहम्मद उस्मान सेना में थे। बिग्रेडियर उस्मान ने 1947 की जंग में भारत को नवशेरा में जीत दिलाई थी। वो इस युद्ध में लड़ते हुए शहीद हो गए थे और उनकी शहादत के बाद ही उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया गया। भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी मुख्तार अंसारी के रिश्तेदार हैं।

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