पीलीभीत: धांधली रोकेगा व्हीकल मैनेजमेंट सिस्टम App..वाहनों को लेकर की जाने वाली हेराफेरी पर लगेगी रोक

पीलीभीत: धांधली रोकेगा व्हीकल मैनेजमेंट सिस्टम App..वाहनों को लेकर की जाने वाली हेराफेरी पर लगेगी रोक

पीलीभीत, अमृत विचार। लोकसभा चुनाव के दौरान वाहनों पर होने वाली फिजूलखर्ची पर निर्वाचन विभाग की ओर से तैयार वीएमएस (व्हीकल मैनेजमेंट सिस्टम) ऐप रोक लगाएगा। इससे वाहनों को लेकर की जाने वाली हेराफेरी पर रोक तो लगेगी ही, बीच सड़क पर वाहनों को जब्त करने की जरुरत भी नहीं पड़ेगी। 

ऑनलाइन व्यवस्था से निर्वाचन के वाहनों का प्रबंधन न केवल सुगम होगा बल्कि इन वाहनों के उपयोग में भी पारदर्शिता के साथ वाहन मालिकों पेट्रोल पंप मालिकों एवं वाहनों के संचालन से संबंधित चालकों एवं क्लीनरों का भुगतान जल्दी संभव हो सकेगा।

पीलीभीत सीट पर मतदान पहले चरण में 19 अप्रैल को होगा। इसे लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। परिवहन विभाग की ओर से इस बार चुनाव के लिए 1300 वाहनों का अधिग्रहण किया जाना है, जो मतदान करने वाली पोलिंग पार्टियों को लाने ले जाने का काम करें। इन 1300 वाहनों में  350 निजी वाहन है जबकि 950 कर्मिशियल वाहन शामिल हैं। जिनको अधिग्रहण कर लिया गया है। 

पहले चुनाव में वाहनों का अधिग्रहण करने के लिए परिवहन विभाग की ओर से सड़कों पर जब्त कर लिया जाता था। साथ ही फिजूलखर्ची भी दिखाई जाती है। इस बार चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के दौरान वाहनों पर होने वाली फिजूलखर्ची पर रोक लगाने के लिए वीएमएस (व्हीकल मैनेजमेंट सिस्टम) ऐप लागू किया है।  

इस ऐप के माध्यम  से वाहनों को लेकर की जाने वाली हेराफेरी पर रोक तो लगेगी ही, बीच सड़क पर वाहनों को जब्त करने की जरुरत भी नहीं पड़ेगी। इसके पीछे का कारण ऑनलाइन पंजीयन और एक ही स्थान पर लाग बुक खोलना है। नए एप में ये सुविधाएं प्रदान की गई हैं कि एक ही बार किसी भी जिले में एक वाहन का पंजीयन होगा। उसे दूसरे स्थान पर रोका और जब्त नहीं किया जा सकता। ऑनलाइन ही वाहन की स्थिति कहीं से भी देखी जा सकती है। 

नए निर्देश में यह स्पष्ट किया गया है कि किसी भी स्थिति में बीच सड़क वाहन जब्त नहीं किए जाएंगे। उनके मालिकों को बुलाकर नोटिस दे दिया जाएगा और आवश्यकता होने पर वाहन को जमा करने की सूचना मिल जाएगी।

आमजन के हित के लिए बनाई गई है व्यवस्था
ऑनलाइन व्यवस्था से निर्वाचन के वाहनों का प्रबंधन न केवल सुगम होगा, बल्कि इन वाहनों के उपयोग में भी पारदर्शिता के साथ वाहन मालिकों, पेट्रोल पंप मालिकों एवं वाहनों के संचालन से संबंधित चालकों एवं क्लीनरों का भुगतान जल्दी संभव हो सकेगा। 

आमजन के हित के लिए व्यवस्था बनाई गई है कि चुनाव कार्य के लिए एक जिले से 75 प्रतिशत वाहनों का ही उपयोग में लिया जाएगा। 25 प्रतिशत वाहन आम जनता के लिए प्रतिदिन चलेंगे। ऐप की मदद से यह भी सुनिश्चित किया गया है कि कोई भी मालिक या संबंधित पदाधिकारी वाहनों में तेल की हेराफेरी नहीं कर सकेंगे। बाकायदा आनलाइन ही गंतव्य स्थान को जाने वाले वाहनों के लिए कूपन जनरेट किया जाएगा और इसकी अवधि भी महज 24 घंटे की होगी।

लोकसभा चुनाव में वाहनों को लेकर वीएमएस (व्हीकल मैनेजमेंट सिस्टम) एप लागू किया गया है। जिसके माध्यम से वाहनों की स्थिति को ऑनलाइन चेक किया जा सकता है।  इस ऐप के माध्यम से वाहनों में पारदर्शिता बनी रहेगी।  - वीरेंद्र सिंह, एआरटीओ

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