हरदोई: इस्लाम को मानने वाला कभी दहशतगर्द नहीं हो सकता, ईद-उल-फितर बोले उलेमा

हरदोई: इस्लाम को मानने वाला कभी दहशतगर्द नहीं हो सकता, ईद-उल-फितर बोले उलेमा

हरदोई। दरअसल मुसलमान तो वो है जिसकी ज़ात से किसी को कोई तकलीफ न पहुंचे, इस्लाम ने हमेशा इंसानियत की सीख दी, हुज़ूर का फरमान है कि जिस किसी मुसलमान से अगर किसी को भी तकलीफ पहुंचें तो वो उनकी उम्मत में नहीं है। ईदगाह में ईद-उल-फितर की नमाज़ होने से पहले मौलाना अफ्ज़ार्रुहमान ने दीन के हवाले से तमाम झकझोर कर देने की बातें करते हुए कहा कि इस्लाम को मानने वाला कभी दहशतगर्द नहीं हो सकता।

सुबह की पौ फटते ही ईदुल फितर की नमाज़ अदा करने वाले लोगों का रेला शहर की ईदगाह की तरफ पहुंचने लगा। वहां मौलाना अफ्ज़ार्रुहमान ने  तकरीर करते हुए कहा कि सच्चा मुसलमान वही है जो दूसरों रहम करे,अगर उसकी ज़ात से किसी को तकलीफ पहुंचती है तो वो मुसलमान नहीं है,क्यो कि हुज़ूर का फरमान है कि मुसलमान के किसी भी अमल से किसी को कोई दिक्कत या परेशानी हो तो वो उनकी उम्मत में नहीं है।

इसके अलावा मौलाना ने दीन के हवाले से तमाम वो बातें की जिन्होंने लोगो को झकझोर कर रख दिया। उसके बाद जामा मस्जिद के इमाम मुफ्ती आफताब आलम ने ईद की नमाज़ अदा कराई और आखिर में सारे मुल्क और मुल्क के लोगों की सलामती के साथ रहते तरक्की करने की दुआ की गई। उसके बाद जामा मस्जिद में मुफ्ती वकील अहमद ने ईदुलफितर की नमाज़ अदा कराई। इसी तरह शहर की और भी मस्जिदों में ईद की दो रक़त वाजिब नमाज़ अदा की गई।

नमाज से पहले अदा किया गया फितरा

ईदुलफितर की नमाज़ से पहले फितरा अदा किया गया। एक आदमी पर पौने दो किलो वजन की गेंहू की कीमत की रक़म उसे दी जाती है जो वाकई ज़रूरतमंद हो। पौने दो किलो गेंहू के अलावा साढ़े तीन किलो जौं,किशमिश और खजूर की कीमत अदा की जाती है। ईद की नमाज़ से पहले ही फितरा अदा किया गया

हाई अलर्ट मोड में दिखाई दी पुलिस

ईदुलफितर के दिन शहर की ईदगाह,जामा मस्जिद और बाकी मस्जिदों के आस-पास पुलिस के जवान निगरानी करते हुए दिखे। एसपी केशव चन्द्र गोस्वामी और सीओ सिटी अंकित मिश्रा पैदल टहलते हुए चप्पे-चप्पे का ला एंड आर्डर परखते रहे,वहीं पुलिस की खुफिया टीम भी पल-पल की अपडेट लेती रही।

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