रामपुर: मिलक में प्रशासन ने डॉ. आंबेडकर की शोभायात्रा निकालने से रोका, हंगामा

रामपुर:  मिलक में प्रशासन ने डॉ. आंबेडकर की शोभायात्रा निकालने से रोका, हंगामा

मिलक, अमृत विचार। अनुमति पत्र में शोभायात्रा की अनुमति न देने पर दलित समाज भड़क गया। शोभायात्रा की तैयारी कर रहे लोगों को पुलिस ने हिरसात में ले लिया। आक्रोशितों द्वारा नगर के आंबेडकर चौराहे पर पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने पर प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। 

शोभा यात्रा नहीं निकलने देने पर गुस्साए लोगों ने सांसद घनश्याम सिंह लोधी का घेराव कर लिया। सांसद से शोभायात्रा निकलवाए जाने की मांग की। सांसद ने मिलक थाने के सामने पहुंचकर अधिकारियों से शोभायात्रा निकलवाए जाने की बात कही। अधिकारियों ने कहा ठीक है लेकिन, सांसद के जाते ही पुलिस ने कहा कि बिना डीजे के शोभायात्रा निकाल लीजिए। गुस्साए लोग बिना शोभायात्रा निकाले ही अपने-अपने घरों को चले गए।

 गौरतलब है कि क्षेत्रवासियों द्वारा प्रत्येक वर्ष नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में डॉ. भीमराव आंबेडकर जयंती धूमधाम से मनाई जाती है। नगर में एक तरफ संगोष्ठी का आयोजन किया जाता है तो वहीं दूसरी तरफ लोग नवदिया गांव से नगर के आंबेडकर पार्क तक शोभायात्रा निकालते हैं। शोभायात्रा में डॉ. आंबेडकर की झांकी होती है। डीजे की धुन पर लोग नाचते-गाते आंबेडकर पार्क पहुंचते हैं। जहां प्रतिमा पर माल्यार्पण कर वापस अपने अपने घरों को लौट जाते हैं। 

नवदिया निवासी पुष्पेंद्र द्वारा पूर्व की भांति गांव में सांस्कृतिक कार्यक्रम व शोभायात्रा की अनुमति के लिए आवेदन किया गया था। दस दिन तक पुलिस अनुमति को टालती रही। शुक्रवार को निवेदन करने पर प्रशासन ने आनन-फानन में शनिवार को सिर्फ सांस्कृतिक कार्यक्रम की अनुमति प्रदान कर दी। शोभायात्रा की अनुमति को पत्र से गायब कर दिया जबकि, रविवार को लोग शोभायात्रा की तैयारी कर रहे थे। इस दौरान सुबह दस बजे कोतवाल धनंजय सिंह पुलिस बल के साथ नवदिया गांव पहुंच गए। 

पुलिस ने सजी झांकी को उजाड़ दिया, डीजे लदे वाहन को रठौंडा चौकी भेज दिया। मौजूद लोगों को हिरसात में लेकर कोतवाली ले आई यह खबर मिलने पर गांव और आसपास के लोग भड़क गए। सभी एकत्रित होकर नगर के आंबेडकर पार्क पहुंचे। पुलिस प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। शोभायात्रा निकालने की जिद पर अड़ गए। इस दौरान कई बार हंगामा हुआ। शोभायात्रा की अनुमति न मिलने के बाद आक्रोशित नारेबाजी करते हुए अपने-अपने घर चले गए।

प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप
शोभायात्रा को लेकर करीब तीन घंटे तक चले हंगामे के दौरान प्रर्दशनकारियों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन ने जान बूझकर उनको शोभायात्रा की अनुमति नहीं दी। 

अनुमति के दौरान पुलिस को शोभायात्रा के लिए लिखित रूप में दिया गया था। कस्बा इंचार्ज ने शोभायात्रा के लिए पूर्व की भांति मार्ग चार्ट तैयार किया था। प्रशासन के आश्वासन के बाद ही शोभायात्रा की तैयारी की गयी थी। नगर में आये दिन शोभायात्राएं, निशान यात्राएं, संकीर्तन कार्यक्रम हो रहे हैं लेकिन प्रशासन का कोई प्रतिबंध नहीं है। प्रशासन ने पक्षपात व भेदभाव के चलते शोभायात्रा निकालने से रोका है।

मिलक में माल्यार्पण करने पहुंचे भाजपा प्रत्याशी का घेराव
मिलक में डॉ. आंबेडकर की शोभायात्रा निकालने को लोग पार्क में प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान भाजपा प्रत्याशी घनश्याम सिंह लोधी भाजपाइयों के साथ आंबेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंच गए। इससे पहले कि वह कुछ समझ पाते  उन्हने पार्क में प्रवेश कर लिया।भाजपाइयों के साथ प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। प्रतिमा से नीचे उतरते ही महिलाओं और बच्चों ने उन्हें घेर लिया।

कहा कि प्रशासन उन्हें पूर्व की भांति शोभायात्रा निकालने नहीं दे रहा है। जब तक उन्हें शोभायात्रा की अनुमति नहीं मिल जाती तब तक वे उन्हें नहीं जाने देंगे। भाजपा प्रत्याशी ने शोभायात्रा निकलवाने का आश्वासन दिया। अधिकारियों से बातचीत करने की बात कहते हुए आगे बढ़ गए। इस दौरान आक्रोशितों की भीड़ उनके पीछे पीछे चल दी। उन्होंने कोतवाली के सामने अधिकारियों से बातचीत की और शोभायात्रा निकलवाने को कहा। 

प्रत्याशी के जाते ही प्रशासन ने अपना रुख बदल दिया और बिना डीजे के शोभायात्रा निकालने को कहा। प्रशासन की हठधर्मिता के चलते आंबेडकर अनुयायी बिना शोभायात्रा निकाले प्रतिमा पर बिना माल्यार्पण किए अपने अपने घरों को वापस लौट गए। संविधान रचियता बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की शोभायात्रा नहीं निकलने देने पर लोगों में रोष व्याप्त है। 

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