लखीमपुर-खीरी: ईंट भट्ठे के मजदूर का खून से लथपथ मिला शव, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका

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Published By Moazzam Beg
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पिपरिया धनी/लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। कोतवाली मोहम्मदी क्षेत्र के एक ईंट भट्ठे पर कोयला झोंकने का काम करने वाले मजदूर का गुरुवार की सुबह खून से लथपथ शव सड़क किनारे मिला। हत्या की आशंका से सनसनी फैल गई। 

पुलिस ने पड़ताल की तो पाया कि पंजे से हमले के कारण गहरे जख्म बने हैं। इससे पुलिस ने हिंसक पशु के हमले से मौत होने की आशंका जताई। हालांकि परिवार वाले हत्या की आशंका जता रहे थे। शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जख्मों के गहरे घाव किसी हिंसक पशु के पंजे के होने और अत्यधिक रक्तस्राव से मौत की वजह सामने आई है।

पुलिस चौकी मूड़ा निजापुर क्षेत्र में गांव मुकुंदापुर गुरुद्वारा के निकट गुरुवार की सुबह एक शव खून से लथपथ गेहूं के खेत के निकट पड़ा देखा गया। इससे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। तमाम लोग भी मौके पर पहुंच गए। सूचना पर प्रभारी निरीक्षक मोहम्मदी चंद्रशेखर सिंह भी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। 

शव की पहचान पीलीभीत जिले के थाना सेहरामऊ उत्तरी के गांव मनहरिया निवासी जसवंत के रूप में हुई। वह घटनास्थल से करीब दो सौ मीटर दूर स्थित एक ईंट भट्ठे पर कोयले की झुकाई का कार्य करता था। उसकी गर्दन, पीठ और सीने पर गहरे घाव थे। सुबह करीब आठ बजे भट्ठा मालिक ने उसके पिता बहादुर को मोबाइल पर सूचना दी कि जसवंत बुधवार की शाम करीब पांच बजे से गायब है, जिसका शव बरामद हुआ है। सूचना से परिवार में चीख पुकार मच गई। परिवार के लोग मौके पर पहुंचे। 

मृतक के पिता ने बताया कि पुत्र जसवंत दिसंबर 2023 से ईंट भट्ठे पर अकेले रहकर मजदूरी करता था। उसने बुधवार की शाम सात बजे अपने छोटे भाई अरुण से मोबाइल पर बात की थी और घर का हालचाल लिया था, जबकि भट्ठा मालिक शाम पांच बजे से गायब होने की बात कह रहे हैं। पुत्र का मोबाइल भी गायब है। 

उन्होंने बताया कि पुलिस जानवरों के हमले में मौत होने की बात कह रही है, जबकि पुत्र की गर्दन और सीने पर धारदार हथियार के गहरे जख्म प्रतीत हो रहे हैं। उसकी हत्या की गई है। मृतक की बड़ी पुत्री शिल्पी देवी की एक साल पहले शादी हुई थी। पत्नी ममता के अलावा पुत्र अमन (12), पुत्री कामिनी (10) और लक्ष्मी (8) है।

जंगली पशु के हमले में मौत की बात नहीं उतर रही किसी के गले 
पुलिस भले ही जंगली हिंसक जानवर के हमले में मौत होने की बात कह रही हो, लेकिन यह बात न तो परिवार के लोगों के गले उतर रही है और न ही प्रत्यक्षदर्शी इसे मान रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि यह कोई जंगली जानवर का हमला नहीं है। अगर जंगली जानवर का हमला होता तो आसपास पद चिन्ह बने होते। शव पर जो घाव हैं वह चाकू जैसे किसी धारदार हथियार के लग रहे हैं।

प्रथम दृष्टया हिंसक जंगली जानवर के हमले में मौत होना प्रतीत हो रहा था, क्योंकि पंजे से बने गहरे घाव लग रहे थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से इसकी पुष्टि हो गई है।-चंद्रशेखर सिंह, प्रभारी निरीक्षक कोतवाली मोहम्मदी।

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