गोंडा: जल निगम की कहानी नहीं मिला स्वच्छ पानी, ग्रामीणों में आक्रोश

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Published By Deepak Mishra
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ग्राम प्रधान, बिजली विभाग और जल निगम के अधिकारी एक दूसरे को ठहरा रहे जिम्मेदार, ग्रामीणों में आक्रोश

उमरीबेगमगंज/गोंडा, अमृत विचार। आम जनमानस को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की सरकारी मंशा को अमली जामा पहनाने के लिए जल निगम ने करोड़ों की रुपए की लागत से सोनौली मोहम्मद पुर में पानी टंकी की तो स्थापना कर दी, लेकिन वर्षों बीतने के बाद भी लोगों को एक बूंद पानी नसीब नहीं हो सका। मामले में ग्राम पंचायत, बिजली विभाग व जल निगम के अधिकारी एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

सरकार के मंशानुरूप सभी को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के लिए गांव-गांव में पानी की टंकी की स्थापना कराई जा रही हो लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के नाम पर सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ाए जा रहे हैं या यूं कहे कि सरकारी योजनाएं भ्रष्टाचार की गिरफ्त में नजर आ रही हैं। 

बानगी के तौर पर एक दशक पहले सोनौली मोहम्मदपुर ग्राम पंचायत की 20 हजार आबादी को शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के लिए ₹11 करोड़ खर्च हो गए और ग्राम वासियों को एक बूंद पानी नसीब नहीं हो सका। ग्राम प्रधान ने लो वोल्टेज की समस्या बताई तो ग्रामीणों ने लापरवाही का आरोप लगाया है। 

सोनौली मोहम्मदपुर ग्राम पंचायत में लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए₹11करोड़ की लागत से 800 किलोलीटर की क्षमता कि पानी टंकी स्थापित की गई लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही आमजन की मंशा पर भारी पड़ी और लोगों को अब तक एक बूंद पानी नसीब नहीं हो सका।

ग्रामीणों ने बताया कि ट्रायल के दौरान कई स्थानों पर लीकेज देखने को मिला जिसे कारदायी संस्था द्वारा सही नहीं कराया गया। फिलहाल जल निगम और विद्युत विभाग की लापरवाही के चलते ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की सरकारी मंशा पर पानी फिर रहा है।

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क्या कहते हैं ग्रामीण 

क्षेत्र पंचायत सदस्य विवेक सिंह कहते हैं कि विभागीय अधिकारियों और ग्राम प्रधान की लापरवाही के चलते लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल पा रहा है। आखिर किसकी कमी से पानी नहीं मिल पा रहा है इसकी जांच होनी चाहिए। रवि सिंह ने बताया कि शुरुआत से ही पानी की सप्लाई ठीक ढंग से नहीं हो पाई।

कभी यहां लीकेज तो कभी वहां लीकेज बहाना बनाकर विभागीय कर्मी सप्लाई बंद कर देते थे। 2 साल से सप्लाई पूरी तरह से ठप पड़ी हुई है। दोषी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। अरविंद कहते हैं कि जनप्रतिनिधियों से लेकर विभागीय अधिकारी एकदम मूकदर्शक बने हुए हैं। गांव के अभिषेक सिंह ने बताया कि लगभग 6 वर्ष हो गए और टोटी से पानी गिरता हुआ देखने के लिए आंखें तरस गई। दोष किसका है जिम्मेदारी तय करके कार्रवाई होनी चाहिए।

तीन साल पहले हैंडओवर कर दिया गया टंकी

विभाग ने कार्य पूर्ण कराने के बाद 3 वर्ष पहले ही पानी की टंकी को ग्राम पंचायत को हैंड ओवर कर दिया है अब सारी जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की ही है लो वोल्टेज की समस्या आड़े आ रही है और गांव के लोग जबरदस्ती कटिया जोड़ लेते हैं जिससे मोटर नहीं चल पाता है..,संजीत यादव अवर अभियंता जल निगम।

लीकेज ठीक कराए बिना सचिव को कर दिया हैंडओवर

जल निगम द्वारा बिना लीकेज ठीक कराए ही तत्कालीन प्रधान व सचिव से मिली भगत करके ग्राम पंचायत को हैंड ओवर कर दिया गया है लो वोल्टेज की समस्या भी रहती है। जिसकी वजह से संचालन नहीं हो पा रहा है..,सुरेंद्र सिंह प्रधान प्रतिनिधि सोनौली मोहम्मदपुर।

मामला संज्ञान में नहीं है मामले की जानकारी करके व्यवस्था दुरुस्त कराई जाएगी। यदि बिजली की वजह से संचालन बंद है तो जल्द ही आपूर्ति शुरू होगी.., अधिशासी अभियंता जल निगम, गोंडा।

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