मुरादाबाद : जिला अस्पताल में वेंटीलेटर होने के बाद भी मरीजों को नहीं मिलता इलाज, इन विभागों में खाली पड़े चिकित्सकों के पद

ट्रामा सेंटर में अभी तक नहीं हो पाई न्यूरोसर्जन की तैनाती

मुरादाबाद : जिला अस्पताल में वेंटीलेटर होने के बाद भी मरीजों को नहीं मिलता इलाज, इन विभागों में खाली पड़े चिकित्सकों के पद

मुरादाबाद, अमृत विचार। जिला अस्पताल में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। लेकिन चिकित्सकों की कमी दूर नहीं हो रही है। इसके अलावा जिला अस्पताल में विभिन्न योजनाओं के तहत उपकरण भी बढ़ाए जा रहे हैं। अगर बात करे चिकित्सकों की तो जिला अस्पताल में 22 विशेषज्ञों समेत 35 चिकित्सकों पद खाली पड़े हैं। जिसके चलते मरीजों को सही इलाज नहीं मिल पाता है।

जिला अस्पताल में जनपद के साथ-साथ आसपास के जिलों से भी मरीज इलाज करने के लिए आते हैं। बात अगर पिछले तीन सालों की करें तो हर साल मरीजों की संख्या बढ़ रही है। उसके बाद भी कई ऐसी गंभीर बीमारियां हैं, जिनके इलाज के लिए जिला अस्पताल में चिकित्सक नहीं है। जिसमें हृदय रोग विशेषज्ञ, दंत रोग विशेषज्ञ, न्यूरोसर्जन समेत 22 विशेषज्ञों समेत 35 पद खाली पड़े हैं। जिला अस्पताल में वेंटीलेटर तो है, लेकिन इलाज नहीं है।

आईसीयू होने के बावजूद सांस के गंभीर मरीज मेरठ, दिल्ली के अस्पतालों में रेफर किए जाते हैं। वहीं एमआरआई भवन एक साल पहले बनकर तैयार हो चुका है, लेकिन उसमें अब तक मशीन स्थापित नहीं हो पाई है। ट्रामा सेंटर में अब तक न्यूरोसर्जन की तैनाती नहीं हो पाई है। जबकि जिला अस्पताल की ओपीडी व इमरजेंसी में हर साल एक लाख मरीज बढ़ रहे हैं। निजी विश्वविद्यालयों से एमडी, एमएस कोर्स कर रहे प्रशिक्षु चिकित्सकों के भरोसे ओपीडी चल रही है। जिससे कई बार ऐसा हुआ है कि मरीजों को दुश्वारियों का सामना करना पड़ा है।

इन विभागों में नहीं हैं विशेषज्ञ चिकित्सक
मौजूदा समय में जिला अस्पताल में जनरल फिजिशियन का एक, चेस्ट फिजिशियन का एक, बाल रोग विशेषज्ञ का एक, रेडियोलॉजिस्ट के एक, हृदय रोग विशेषज्ञ के दो, न्यूरो सर्जन का एक, दंत रोग विशेषज्ञ का एक, एनेस्थेटिक का एक, मानसिक रोग विशेषज्ञ का एक, जनरल सर्जन का एक, ऑर्थो सर्जन का एक, ईएनटी सर्जन का एक, न्यूरोलॉजिस्ट का एक, नेफ्रोलॉजिस्ट का एक, न्यूरो फिजिशियन का एक पद खाली है।

जिला अस्पताल में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए हम पूरी तैयारी कर रहे हैं। एक साल में कई बेड बढ़ाए गए हैं और बाल रोग व मनोरोग विभाग में एक-एक चिकित्सक की तैनाती की है। डाइटिशियन, ब्लड बैंक प्रभारी को नियुक्त किया गया। एमआरआई मशीन भी जल्द स्थापित की जाएगी। ट्रामा सेंटर में चिकित्सक की तैनाती के लिए पत्र लिखा गया है।-डॉ. संगीता गुप्ता, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक

लू से बचाने को सरकारी अस्पतालों में स्थापित हुए हीट वेव वार्ड
बढ़ती गर्मी को देखते हुए जिले के सरकारी अस्पतालों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। जिला अस्पताल के साथ ही सभी सीएचसी और पीएचसी पर हीट वेव वार्ड स्थापित किए गए हैं। नोडल अधिकारी डॉ. हरीश चंद्रा ने बताया कि हीट वेव वार्ड के लिए कोल्ड रूम तैयार किए गए हैं, जिसमें एसी व कूलर से वातावरण को ठंडा रखा जाएगा। वार्ड में ऐसी सभी दवाओं का इंतजाम रहेगा जो लू लगने यानि हीट स्ट्रोक से पीड़ित मरीज के इलाज में मददगार होंगी। डिस्ट्रिक्ट एपिडेमियोलॉजिस्ट अजीजुर्रहीम ने बताया कि जलवायु परिवर्तन की परिस्थितियों के मद्देनजर विकट लू चलने का अंदेशा बढ़ गया है। जिससे काफी बड़ी संख्या में लोग हीट स्ट्रोक की चपेट में आ सकते हैं। उन्होंने बताया कि इससे पीड़ित मरीजों को जरूरी चिकित्सा मुहैया कराने की व्यवस्था अत्यंत प्राथमिकता से की जा रही है।

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