Kanpur: दो घंटे में ही मिल सकेगी टीबी की रिपोर्ट; GSVM में आई एमजीआईटी-960 मशीन, जल्द शुरू होगी जांच

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Published By Deepak Shukla
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मरीज को कौन सी दवा असर कर रही, कौन नहीं, यह भी चलेगा पता

कानपुर, अमृत विचार। अगर आपको तीन सप्ताह से अधिक खांसी, रात को पसीना, वजन घटने, खांसते समय खून आदि समस्या हो रही है तो सचेत रहने की जरूरत है। यह ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) के लक्षण हो सकते हैं, जिसकी जांच जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में अब दो घंटे में ही हो सकेगी। कॉलेज में एमजीआईटी-960 मशीन लगाई गई है, इंस्टाल होने के बाद टीबी की जांच आसानी से हो सकेगी। 

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में अब टीबी की कल्चर जांच भी हो सकेगी। कॉलेज से मरीजों के सैंपल अन्य संस्थानों में भेजने की जरूरत नहीं होगी। न ही रिपोर्ट के लिए मरीजों को तीन माह तक का लंबा इंतजार करना पड़ेगा। 

माइक्रोबायोलॉजी विभाग की कल्चर लैब में टीबी के कल्चर की जांच की जाएगी। लिक्विड कल्चर माइक्रोस्कोपिक टीबी की जांच करीब दो घंटे में ही हो जाएगी। जांच से स्पष्ट होगा कि संबंधित मरीज को टीबी की बीमारी है या नहीं। 

माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. सुरैया खानम ने बताया कि अभी सीबीट्रूनॉट मशीन के माध्यम से टीबी की जांच की जाती है। अब लैब में जल्द ही टीबी की कल्चर की जांच हो सकेगी। इसके लिए लैब में जांच के लिए एमजीआईटी-960 मशीन आ गई है, जिसके जरिए दो घंटे में ही टीबी की जानकारी हो जाएगी। 

दवाओं की भी हो सकेगी जांच 

टीबी के मरीजों की दवाएं लंबे समय तक चलती हैं। कई बार कुछ मरीजों को दवाओं के कारण दिक्कत होने लगती है, जिससे वह परेशान होकर दवा बंद कर देते है। ऐसे में फिर टीबी मरीज में और खतरनाक रूप लेने लगती है। 

विभागाध्यक्ष प्रो. सुरैया खानम ने बताया कि टीबी के मरीजों को दी जाने वाली कौन सी दवा उन्हें नुकसान कर रही है, उस दवा की भी जांच लैब में की जा सकती है। एमडीआर के मरीजों की भी जांच लैब में की जाएगी कि उनमें टीबी कितना खतरनाक हो चुका है। 

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