JDS प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से की प्रज्वल से जुड़े यौन शोषण मामले में सीबीआई जांच की मांग

JDS प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से की प्रज्वल से जुड़े यौन शोषण मामले में सीबीआई जांच की मांग

बेंगलुरु। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एवं जनता दल-सेक्युलर (जद-एस) नेता एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल थावर चंद गहलोत से मुलाकात करके हासन के सांसद प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े कथित यौन शोषण मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने में हस्तक्षेप की मांग की है।

कर्नाटक के राजनीतिक परिदृश्य में भूचाल लाने वाले इस मामले की जांच वर्तमान में कर्नाटक पुलिस की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) कर रही है। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते एवं जद(एस) विधायक एचडी रेवन्ना के बेटे प्रज्वल का परिवार राज्य के राजनीतिक जगत में महत्वपूर्ण राजनीतिक दबदबा रखता है।

वह और उनके पिता यौन शोषण से जुड़े विवादों में घिर गए हैं। एचडी रेवन्ना को यौन उत्पीड़न से जुड़ी एक पीड़िता के कथित अपहरण के मामले में गिरफ्तार किया गया है।

एचडी रेवन्ना के छोटे भाई एचडी कुमारस्वामी ने गुरुवार देर शाम यहां बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए एसआईटी जांच की निष्पक्षता पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार की स्पष्ट उलझन और गलत दिशा को देखते हुए एसआईटी से निष्पक्ष, न्यायसंगत और निष्पक्ष जांच की उम्मीद करना अकल्पनीय है।” 


उन्होंने शीर्ष अधिकारियों के बीच मिलीभगत पर जोर देते हुए कहा, “भारतीय जनता पार्टी नेता देवराजे गौड़ा और उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच हुई बातचीत ने एसआईटी जांच में मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और उप मुख्यमंत्री की मिलीभगत को उजागर कर दिया है।” राज्य सरकार पर जद(एस) और एचडी देवेगौड़ा को बदनाम करने का अभियान चलाने का आरोप लगाते हुए एचडी कुमारस्वामी ने सीबीआई जांच की जरूरत पर जोर दिया। 

उन्होंने दावा किया कि हासन लोकसभा क्षेत्र में कथित आपत्तिजनक सामग्रियों के वितरण के पीछे शिवकुमार का हाथ था। कुमारस्वामी ने आरोप लगाया कि एसआईटी जांच पक्षपातपूर्ण है और इसमें पारदर्शिता का अभाव है। पीड़ितों को शिकायत दर्ज नहीं करने के लिए डराया जा रहा है।

उन्होंने कथित वीडियो के प्रसार के कारण पीड़ितों के परिवारों को होने वाली परेशानी पर प्रकाश डालते हुए न्याय सुनिश्चित करने के लिए राज्यपाल के हस्तक्षेप का आह्वान किया।

उन्होंने राज्य सरकार पर एसआईटी की कार्यवाही पर अनुचित प्रभाव डालने का आरोप लगाया। जद(एस) नेता ने शिवकुमार को इस कथित यौन शोषण मामले के पीछे का ‘मास्टरमाइंड’ करार देते हुए राज्यपाल से सिद्दारमैया को उन्हें शिवकुमार को मंत्रिमंडल से हटाने की सलाह देने का आग्रह किया। इस मामले का खुलासा होने के साथ ही राज्य की राजनीति में हलचल मच गयी है।
जद(एस) ने सत्तारूढ़ दल पर राजनीतिक हेरफेर और कदाचार के आरोप के बीच सीबीआई जांच के लिए अपने प्रयास तेज कर दिये हैं। 

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