पीलीभीत: मेडिकल कॉलेज की MCH विंग का हाल, हैंडओवर करते वक्त बरती लापरवाही...खामियाजा भुगत रहे मरीज और स्टाफ
पीलीभीत, अमृत विचार : मेडिकल कॉलेज बनने के बाद भले ही महिला अस्पताल को एमसीएच विंग में शिफ्ट कर दिया हो। लेकिन वहां अभी भी सुविधाओं को अकाल पड़ा हुआ है। जिस वजह से वहां काम करने वाले स्टाफ और इलाज की आस में आने वाले मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि जिस भवन में महिला अस्पताल को शिफ्ट किया गया है। उस भवन में तमाम अनियमितताएं उजागर हो रही है। जिसको अब प्राचार्य ठीक कराने का दावा कर रही है।
जिला अस्पताल में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत गर्भवती और नवजात शिशुओं के बेहतर इलाज के लिए सौ बेड की एमसीएच विंग बनाई गई थी। जिसका निर्माण वर्ष 2018 में कराया गया था। निर्माण पूरा होने के बाद इस भवन को आनन फानन में हैंडओवर कर लिया गया था। मगर हैंडओवर करने वाले तत्कालीन अफसरों ने उसकी गुणवत्ता को चेक तक नहीं किया गया था। हैंडओवर होने के बाद भवन खाली पड़ रहा है। जिसके बाद वर्ष 2020 में कोरोना ने दस्तक दी। तो हर तरफ हड़कंप मच गया।
ऐसे में शासन ने सभी जगह एल- 2 कोविड अस्पताल बनाने के निर्देश दिए गए थे। जिस पर तत्कालीन सीएमओ डॉ. सीमा अग्रवाल ने इस भवन में कोविड अस्पताल की शुरुआत कराई थी। मगर कोरोना जाने के बाद इस भवन की मरम्मत तक करना जरुरी नहीं समझा गया।
कोरोना खत्म होने के बाद सिर्फ इस भवन के प्रथम तल पर महिला ओपीडी को चालू कर दिया गया था। लेकिन मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति मिलने के बाद पुरुष और महिला अस्पताल का समायोजित करा दिया गया। प्राचार्य डॉ.संगीता अनेजा ने महिला अस्पताल को पूरी तरह से एमसीएच विंग में शिफ्ट कर दिया। लेकिन अस्पताल को शिफ्ट करने के दौरान भवन में फैली अनिमिताओं को दुरुस्त कराने की जहमत नहीं उठाई।
अस्पताल शिफ्ट होने के बाद आलम यह है कि कभी पानी को लेकर रोना बना रहता है। तो कभी मरीजों को एक मंजिल से दूसरे मंजिल पर ले जाने के लिए सीढ़ियों का सहारा लेना पड़ता है। जबकि इस भवन में लिफ्ट लगी हुई है। जिसको ठीक नहीं कराया गया है। ऐसे में गर्भवती और बच्चों को सीढ़ियों से ही जाना पड़ता है। इतना ही नहीं भवन में कई जगह वार्डो के शीशे और दरवाजे भी टूटे पड़े हैं। तो वहीं छत पर रखे पानी के टैंक भी खराब हो चुके हैं। जिस वजह से लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
शनिवार को हुई 50 मिनट की बारिश में एमसीएच विंग में पानी का निकास न होने के कारण जलभराव हो गया। जिस वजह से मरीजों और डॉक्टरों को परेशानी उठानी पड़ी। इतना ही नहीं रास्ता ऊंचा नीचा होने के कारण कैंपस में भी जलभराव हो रहा है। जिस वजह से मरीजों को आने जाने में भी दिक्कत हो रही है। जिसको अब मेडिकल कॉलेज के अफसर दुरुस्त कराने का दावा कर रहे हैं।
एमसीएच विंग मेरे कार्यकाल से पहले का बना हुआ है। अब इस भवन का प्रयोग किया जा रहा है। जिसमें खामियां निकलकर आ रही हैं। जिनको दुरुस्त कराने के लिए इंजीनियर सें संपर्क करते हुए ठीक करा रहे हैं। लिफ्ट को ठीक कराने के लिए कंपनी से संपर्क हो चुका है, जल्द ही खामियों को दूर कराया जाएगा- डॉ. संगीता अनेजा, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज।
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