Israel–Hamas war : 'फिलिस्तीन में नरसंहार बंद करो...', ब्रसेल्स में हजारों लोगों ने किया प्रदर्शन

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
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ब्रुसेल्स। गाजा में तत्काल युद्धविराम की मांग करते हुए विभिन्न यूरोपीय देशों के हजारों प्रदर्शनकारियों ने ब्रुसेल्स में प्रदर्शन किया है। प्रदर्शनकारियों ने ‘फिलिस्तीन में नरसंहार बंद करो’, ‘प्रतिरोध’ और ‘फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता’ जैसे नारे लगाते हुए गारे डु नॉर्ड से यूरोपीय क्वार्टर में प्लेस जीन रे तक रविवार को जूलूस निकालकर प्रदर्शन किया है। बेल्जियम-फिलिस्तीनी एसोसिएशन, फ्रेंच और डच भाषी अम्ब्रेला संगठन सीएनसीडी-11.11.11 और फिलिस्तीनी समूह सहित नागरिक समाज संगठनों द्वारा आयोजित प्रदर्शन में लगभग 40,000 प्रदर्शनकारियों ने हिस्सा लिया। 

आयोजकों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्थायी युद्धविराम का रास्ता निकालने, नागरिकों की रक्षा करने और बंधकों को मुक्त करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया। उन्होंने गाजा पट्टी की नाकाबंदी को समाप्त करने और फिलिस्तीनियों को मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए बढ़ावा देने की भी मांग की। वोलुवे सेंट-लैंबर्ट में सीएनसीडी-11.11.11 के अध्यक्ष जॉर्जेस डी स्मुल ने कहा कि इस मुद्दे का मुख्य कारण है कि 70 वर्ष पहले संयुक्त राष्ट्र द्वारा फिलिस्तीन को एक देश के रूप में मान्यता नहीं दी थी। 

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि फिलिस्तीन को देश का दर्जा पाने का वैध अधिकार है। इसके अलावा, संगठनों ने यूरोपीय संघ और उसके सदस्य देशों से इजरायल पर पूर्ण अंतरराष्ट्रीय सैन्य प्रतिबंध लगाने और उसके खिलाफ आर्थिक और राजनयिक प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया। बेल्जियम-फिलिस्तीनी एसोसिएशन के प्रवक्ता ग्रेगरी माउज ने कहा, “यूरोपीय संघ इजरायल का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और सक्रिय भूमिका निभाने और अधिकांश अंतरराष्ट्रीय संस्थानों और गैर सरकारी संगठनों द्वारा इस नरसंहार रोकने के लिए दबाव बनाने का महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

गौरतलब है कि पिछले साल सात अक्टूबर को इजरायल-हमास का संघर्ष शुरू होने के बाद से बेल्जियम में बड़े पैमाने पर छठा विरोध प्रदर्शन हुआ है। आयोजकों ने आशा व्यक्त किया कि अंतरराष्ट्रीय दबाव से युद्धविराम और फिलिस्तीनी आबादी को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि गाजा में हो रहे इजरायली हमलों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 35,386 तक पहुंच गयी है। 

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