शाहजहांपुर: जेल की बैरक में हुई बिरयानी पार्टी, पी गई शराब

सोशल मीडिया पर वायरल पत्र में लगाए गए आरोपों से खलबली

शाहजहांपुर: जेल की बैरक में हुई बिरयानी पार्टी, पी गई शराब

जिला जेल

शाहजहांपुर, अमृत विचार। जेल के अंदर बिरयानी और शराब पार्टी होने के आरोप लगाने संबंधी एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। डीजी जेल, डीआईजी जेल, डीएम और एसपी के नाम लिखे इस पत्र में जेल के अंदर बंद एक हिस्ट्रीशीटर पर पार्टी करने का आरोप लगाया गया है।

इस पत्र ने जिला कारागार की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पत्र वायरल होने के बाद जेल प्रशासन ने एक सिपाही की ड्यूटी जेल के अंदर से हटाकर बाहर सुरक्षा व्यवस्था में लगा दी है।

बुधवार को सोशल मीडिया पर एक शिकायती प्रार्थना पत्र वायरल हुआ। डीजी जेल, डीआईजी जेल, डीएम और एसपी के नाम संबोधित शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि 19 मई की रात नौ बजे जेल की तीन बैरकों में शराब पी गई, बिरयानी, मीट की पार्टी कर जश्न मनाया गया। स्टाफ को मिठाई के रूप में पैसे दिए गए।

एक कैदी ने इसका विरोध किया तो जेल अधिकारियों को अवगत कराया गया। जेलर और डिप्टी जेलर ने बैरक में शराब और बिरयानी पार्टी करते बंदियों को पकड़ लिया। वायरल पत्र में आरोप लगाए गए हैं कि अधिकारियों ने बरामद सामान को सुरक्षित रख लिया। अधिकारियों ने कैमरे की निगरानी को लेकर एक हिस्ट्रीशीटर से पूछताछ की थी। हिस्ट्रीशीटर के दबाव में आकर अधिकारियों ने मामले को दवा दिया था। 

हिस्ट्रीशीटर ने अधिकारियों को धमकी दी थी कि उसके खिलाफ कार्रवाई की गई तो जेल की सारी कमियों को उजागर कर दूंगा। पत्र में यह भी लिखा है कि जेल के आठ मोबाइल फोन से प्रतिदिन 50 रुपये में पांच मिनट बात करायी जाती है। वायरल पत्र में लिखा है कि सूचना देने वाले वार्डन को जान से मारने की धमकी दी गयी है। जेल के अंदर बड़ी कोई घटना हो सकती है। जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। 

जेल प्रशासन ने जांच करायी तो सिपाही राघवेंद्र 19 मई को रात साढ़े आठ बजे खाने का टिफिन लेकर ड्यूटी पर जा रहा था। गेट कीपर ने खाना ले जाने के मना किया था। उसकी नोकझोंक हुई थी। उसे खाना ले जाने से मना कर दिया था। जेल प्रशासन ने जेल सिपाही की ड्यूटी अंदर से हटाकर जेल के बाहर निगरानी में लगा दी है।

किसी ने फर्जी पत्र किया वायरल
किसी ने फर्जी शिकायती प्रार्थना पत्र वायरल किया है। बैरक में शराब पीने और बिरयानी खाने की बात गलत है। सिपाही राघवेंद्र अपने खाने का टिफिन लेकर रात साढ़े आठ बजे ड्यूटी पर जा रहा था। गेट कीपर ने टिफिन ले जाने से रोक दिया था। उसने कहा था कि जेल के अंदर खाना खाऊंगा।

गेट कीपर ने उसका टिफिन छीन लिया था। उसको जेल की अंदर ड्यूटी से बाहर कर दिया था। सिपाही की ड्यूटी जेल के अंदर की जगह बाहर सुरक्षा में लगा दी गयी है। जेल के अंदर कोई कर्मचारी खाना नहीं ले जा सकता है। प्रार्थना पत्र की जांच करायी जा रही है।- मिजाजी लाल, जेल अधीक्षक

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