Kanpur: फर्जी शिक्षक भर्ती मामले में पुलिस ने तेज की कार्रवाई, आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पता चलेगा कौन है मास्टरमाइंड

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Shukla
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खुलासा होने के बाद दो महिला शिक्षकों ने छोड़ दी नौकरी

कानपुर, अमृत विचार। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की फर्जी मेल आईडी से नौकरी पाने वाले नौ शिक्षकों के खिलाफ पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करना शुरू कर दिया है। डीसीपी सेंट्रल आर एस गौतम ने बताया कि कुछ लोगों को ट्रेस कर लिया गया है। पुलिस की टीमें सभी शिक्षकों के पते पर गिरफ्तारी के लिए निकली हुई हैं। उनके अनुसार शिक्षकों की गिरफ्तारी के बाद आगे और कार्रवाई बढ़ेगी और मास्टरमाइंड तक पहुंचा जा सकेगा। खुलासा होने के बाद दो महिला शिक्षकों ने नौकरी छोड़ दी है, जिनकी जांच की जा रही है। 

इस मामले में डीआईओएस की तहरीर पर कर्नलगंज थाने में वाराणसी की रिक्षा पांडेय, मिर्जापुर की विनीता देवी, प्रयागराज के विनय सिंह, मेरठ के विनीत चौधरी चौहान, सीतापुर के अरविंद सिंह यादव, प्रयागराज की स्वाति द्विवेदी, मिर्जापुर के आशीष कुमार पांडेय, मुजफ्फरनगर के नितिन कुमार, मेरठ की ज्योति यादव पर मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस इन लोगों की गिरफ्तारी के लिए निकली हुई है। 

गिरफ्तारी के लिए सर्विलांस को भी एक्टिव किया गया है। इन लोगों की गिरफ्तारी होने के बाद ही सही मामला खुल पाएगा। किसी एक व्यक्ति के हाथ लगने के बाद पता चलेगा कि इस पूरे खेल का मास्टरमाइंड कौन है। डीसीपी के अनुसार फेक पैनल में शामिल दो शिक्षकों को नियुक्ति अलग-अलग स्कूलों में मिल गई थी, लेकिन बाकी के सात शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही थी। 

मदन मोहन अग्रवाल इंटर कॉलेज, किदवई नगर में टीजीटी पोस्ट पर विनीता देवी और आर्य कन्या इंटर कालेज में पीजीटी पोस्ट पर रिक्षा पांडेय को नियुक्ति दी गई थी। विनीता देवी ने 2.59 लाख रुपये सैलरी भी उठा ली थी। डीसीपी के अनुसार प्रकरण में ईमेल कहां से आई, ईमेल भेजने वाला कौन है, इसके पीछे कौन मास्टरमाइंड है। जल्द ही मामले का खुलासा किया जाएगा।

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