बाराबंकी : उद्यान विभाग की योजनाओं का उपनिदेशक ने किया निरीक्षण

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Published By Vinay Shukla
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बागवानी मिशन व प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना द्वारा संचालित ड्रॉप मोर क्राप के कार्यों का किया स्थलीय निरीक्षण

बाराबंकी, अमृत विचार। उद्यान विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का उपनिदेशक उद्यान (मंडल अयोध्या) गीता त्रिवेदी ने स्थलीय निरीक्षण कर योजनाओं की स्थिति व किसानों को मिल रहे लाभ की जानकारी ली। बुधवार को वह जिले के दौरे पर थी। इस दौरान जिला उद्यान अधिकारी महेश श्रीवास्तव व वरिष्ठ उद्यान निरीक्षक गणेश चंद्र भी उनके साथ मौजूद रहे।

गीता त्रिवेदी बागवानी विकास मिशन एवं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना द्वारा संचालित ड्रॉप मोर क्राफ्ट के तहत कराए गए कार्यों का निरीक्षण करने विकासखंड हरख के उधवापुर गांव पहुंची। वहां पहुंचकर उन्होंने इस वित्तीय वर्ष में लगाए गए केला टिश्यू कल्चर कार्यक्रम की जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की। इस दौरान गांव के लाभार्थी सहदेव प्रसाद, सहज राम, रविंद्र कुमार, किशोर और विशाल के खेत में लगे कला टिश्यू कल्चर रोपण का निरीक्षण किया।

अच्छी फसल पाए जाने पर उन्होंने उद्यान अधिकारी व वरिष्ठ निरीक्षक गणेश मिश्र की तारीफ की। उपनिदेशक उद्यान ने इब्राहिमाबाद में राम मनोहर के खेत में लगे ड्रैगन फूड की फसल का निरीक्षण किया और उन्होंने किसान को विभाग द्वारा मिलने वाली योजनाओं की जानकारी ली। उपनिदेशक ने विकासखंड सिद्दौर के तमाम गांव में जाकर किसानों से मिल विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और उनसे मिलने वाले लाभों की जानकारी ली। उन्होंने सिंचाई योजना के तहत ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर की जमीनी हकीकत को भी परखा।

विकासखंड सिद्धौर के पूरेदई में बेचू लाल वर्मा के यहां मेंथा की फसल में मिनी स्प्रिंकलर लगाया गया है। इसी प्रकार ऊधौली में लवलेश कुमार ने भी मेंथा की फसल में तथा रामनरेश ने देवकली में मिनी स्प्रिंकलर लगवाकर योजना के लाभार्थी बने हैं। वर्ष 2021-22 में सराय मोहिउद्दीनपुर के राम प्रकाश और हरख  के शमशेराय गांव के शैलेंद्र कुमार ने ड्रिप योजना का लाभ लिया था। उनके यहां भी निरीक्षण कर संयंत्र का भौतिक सत्यापन किया। किसानों ने बताया कि ड्रिप और स्प्रिंकलर से उनको सिंचाई करने में काफी मदद मिली है। इससे जहां एक और पानी की बचत होती है, वही आवश्यकतानुसा घुलनशील उर्वरकों का प्रयोग किए जाने से फसल की गुणवत्ता भी बढ़ती है, जिससे उसका अच्छा दाम भी मिलता है। सरकार द्वारा इसे 90% अनुदान पर मुहैया कराया जा रहा है। जिससे बहुत अधिक लागत भी नहीं लगती है, लेकिन लाभ ज्यादा होता है।

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