पीलीभीत: दुष्कर्म के सात आरोपी साक्ष्य के अभाव में बरी...11 साल पुराने मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला

 पीलीभीत: दुष्कर्म के सात आरोपी साक्ष्य के अभाव में बरी...11 साल पुराने मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला

पीलीभीत, अमृत विचार। अपर सत्र न्यायाधीश त्वरित न्यायालय महिला संरक्षण छाया शर्मा ने साक्ष्य के अभाव में 11 वर्ष पुराने दुष्कर्म एवं अपहरण के मामले में सात आरोपियों को उनके ऊपर लगाए गए आरोपों से दोषमुक्त कर दिया।

अभियोजन कथानक के अनुसार घटना सेहरामऊ उत्तरी  क्षेत्र में 11 दिसम्बर 2013 की रात बताई गई थी। एफआईआर के अनुसार पीड़िता के घर में घुसकर तमंचे के बल पर धमकाते हुए अपहरण किया गया। दस दिन तक देहरादून में उसकी मर्जी के विरुद्ध रखा गया और दुष्कर्म किया। झुमकी व पायल समेत अन्य जेवर भी लूट लिये गए। किसी तरह मौका पाकर छूटकर  निकली थी। 

विवेचना के बाद पुलिस ने इस मामले में आरोपी  आदर्श कुमार ,मनोज कुमार,  मुन्ना लाल के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था । मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के प्रार्थना पत्र पर न्यायालय ने इस मामले में सुमित ,रामनाथ ,शैलेन्द्र ,आदेश को आरोपियों के रूप में न्यायालय में तलब किया। सभी सात आरोपियों का विचारण न्यायालय में हुआ। 

अभियोजन पक्ष की ओर से पीड़िता समेत कुल आठ गवाहों के बयान अंकित कराए गए। मामले की सुनवाई त्वरित न्यायालय  महिला संरक्षण अपर सत्र न्यायाधीश छाया शर्मा के न्यायालय में हुई। दोनों पक्षों  ने अपने समर्थन  में तर्क प्रस्तुत किए। साक्ष्य के अभाव में  न्यायालय ने आरोपी आदर्श ,आदेश ,मनोज कुमार ,रामनाथ ,शैलेन्द्र, सुमित,मुन्नालाल को दोषमुक्त कर दिया। आरोपी  रामनाथ, सुमित, शैलेन्द्र ,मुन्नालाल की ओर से बचाव पक्ष की पैरवी अधिवक्ता अशोक वाजपेयी ने की।

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