Kannauj News: चौथी बार अखिलेश ने जीत का बनाया रिकॉर्ड...कन्नौज की धरती से वर्ष 2000 में राजनीति में रखा था कदम

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Published By Nitesh Mishra
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कन्नौज की धरती से वर्ष 2000 में राजनीति में रखा था कदम

कन्नौज, अमृत विचार। देश में चर्चित रही लोकसभा सीट कन्नौज-42 पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने चौथी बार जीत हासिल कर रिकॉर्ड कायम कर दिया। इससे पहले वर्ष 2000 में उन्होंने इसी धरती से राजनीति की दुनिया में कदम रखा था और जीत कर पहली बार संसद पहुंचे थे।
एक बार फिर से उल्लेखनीय है कि वर्ष 1999 में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने कन्नौज और संभल सीटों से लोकसभा चुनाव लड़ा था। दोनों ही स्थानों से विजयश्री मिली तो कन्नौज सीट को छोड़कर अपने पुत्र अखिलेश उर्फ टीपू को यहां से चुनाव लड़वाया।

उपचुनाव के दौरान मुलायम ने करीब 11 जनसभाएं कर जनता से बेटे को नेता बनाने की अपील भी की। तब मुलायम के अलावा यहां पहुंचे तत्कालीन पार्टी महासचिव अमर सिंह, शिवपाल यादव ने भी कटरी क्षेत्रों तक में पहुंचकर जनता से टीपू को जिताने की अपील की। इसका नतीजा यह हुआ था कि अखिलेश ने यह चुनाव अच्छे वोटों से जीतकर बहुजन समाज पार्टी के अकबर अहमद डंपी को करारी शिकस्त दी थी।

इसके बाद 2004 और 2009 के चुनाव में भी अखिलेश को विजय हासिल हुई। खास बात यह कि वर्ष 2009 के चुनाव में पहली बार भारतीय जनता पार्टी ने सुब्रत पाठक को टिकट दिया। इस चुनाव में सुब्रत को हार का स्वाद चखना पड़ा। 2012 में प्रदेश में सपा बहुमत में आई तो सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने पुत्र की ताजपोशी मुख्यमंत्री के रूप में कर दी। इसके चलते अखिलेश को संसदीय सीट कन्नौज से इस्तीफा देना पड़ा और फिर उपचुनाव में उनकी पत्नी डिंपल यादव निर्विरोध सांसद हो गईं।

इसके बाद 2014 के चुनाव में भी उन्होंने तब जीत हासिल की जब जोरदार मोदी लहर थी और तब भी सामने सुब्रत पाठक थे। वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव ऐसा था जिसमें पहली बार सुब्रत को जीत का स्वाद चखने को मिला और डिंपल को हार का सामना करना पड़ा। खास बात यह कि वर्ष 2014 और 2019 की हार-जीत का आंकड़ा हजारों में ही सिमटा था। इस लोकसभा चुनाव में जब मुलायम सिंह स्वर्गीय हो चुके हैं तो सपा अध्यक्ष अखिलेश के सामने इस पुराने किले को जीतना किसी चुनौती से कम नहीं था।

देश में मोदी-राम लहर के चलते मुकाबला कोई आसान नहीं था। यही कारण था कि सपा समर्थकों ने भी एड़ी चोटी का जोर लगा दिया जबकि भाजपा जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त थी। इसके दावे भी अंतिम दिवस तक किए जाते रहे। मंगलवार को दोपहर तक तस्वीर स्पष्ट होना शुरू हुई तो तय हो गया था कि सपा ने वापसी कर ली है। चौथी बार कन्नौज की जनता ने अखिलेश को ही अपना प्रतिनिधि चुन ‘घर’ के प्रति बेरुखी जता दी। 

जिले में अब तक चुने गए सांसद

वर्ष         सदस्य             दल

1967         राम मनोहर लोहिया     संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी

1971         सत्य नारायण मिश्रा     भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

1977         राम प्रकाश त्रिपाठी     जनता पार्टी

1980         छोटे सिंह यादव     जनता पार्टी

1984         शीला दीक्षित         भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

1989         छोटे सिंह यादव     जनता दल

1991         छोटे सिंह यादव     जनता पार्टी

1996         चंद्र भूषण सिंह         भारतीय जनता पार्टी

1998         प्रदीप यादव         समाजवादी पार्टी

1999         मुलायम सिंह यादव     समाजवादी पार्टी

2000         अखिलेश यादव     समाजवादी पार्टी

2004         अखिलेश यादव     समाजवादी पार्टी

2009         अखिलेश यादव     समाजवादी पार्टी

2012         डिंपल यादव         समाजवादी पार्टी

2014         डिंपल यादव         समाजवादी पार्टी

2019         सुब्रत पाठक         भारतीय जनता पार्टी

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