पीलीभीत: मानसून से पहले कैसे पूरा होगा नालों का निर्माण, पुराने के भी बदतर हालात..फिर जलभराव होगा या मिलेगी राहत!

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Published By Vikas Babu
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पीलीभीत, अमृत विचार:  जलभराव की समस्या से निपटने के लिए बनाए जा रहे नये नालों का निर्माण सख्ती के बाद भी रफ्तार नहीं पकड़ सका है। चेयरमैन ने 10 जून तक नालों का निर्माण पूरा करने के निर्देश दिए थे। मगर नालों का निर्माण अभी भी कछुआ गति से चल रहा है। जिस वजह से अभी तक महज 60 फीसदी काम भी पूरा नहीं हो सका है। जबकि मानसून आने में सिर्फ नौ दिन शेष बचे हैं और पुराने नालों की तलीझाड़ सफाई भी पूरी तरह से नहीं हो सकी है। नाला सफाई के नाम पर भी सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है।

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शहर में कुल छोटे बड़े मिलाकर 38 नाले हैं। जिनसे पूरे शहर का पानी निकलता है। मगर बढ़ती आबादी और शहर में नालों का स्ट्रेक्चर ठीक न होने के कारण हर बार मानसून सत्र यानी जून में शहर की सड़कों पर जलभराव की समस्या बनी रहती थी। इसको सुधारने के लिए नगरपालिका की ओर से वित्तीय वर्ष 2023-24 समाप्त होने से पहले नालों का प्रस्ताव तैयार कराते हुए स्वीकृति ली गई थी। 

पालिका की ओर से नौ करोड़ की लागत से 22 नये नालों का निर्माण का टेंडर कराया गया था। मार्च में ही वर्कऑर्डर जारी कर दिए गए थे। ताकि समयबद्ध तरीके से गुणवत्तापरक काम हो सके। मगर ठेकेदारों की ओर से टेंडर लेने के बाद कई दिनों तक काम ही शुरु नहींटी किया। ठेकेदारों ने मई में काम करना शुरु किया। छतरी चौराहा, मौर्या मार्केट, टनकपुर हाईवे, अयोध्यापुरम आदि नालों का भी 40 से 50 फीसदी ही काम पूरा किया गया है। 

कई स्थानों पर मिट्टी के ढेर और बालू और बजरी के ढेर लगे हुए हैं, जोकि  हादसे का भी सबब बन रहे हैं। इधर, 15 जून से मानसून शुरू होने जा रहा है। ठेकेदार काम पूरा करने में रुचि नहीं ले रहे हैं। काम को बेहतर ढंग से कराने के लिए नगरपालिका चेयरमैन की ओर से 26 मई को कार्यालय में समस्त ठेकेदारों के साथ बैठक कर 10 जून से पहले निर्माण पूरा करने केवे निर्देश दिए थे। 

मगर, ओवरऑल नाला निर्माण को देखा जाए तो यहां 70 फीसदी काम भी बमुश्किल पूरा हो सका है। जबकि बैठक हुए भी 12 दिन बीत चुके हैं। नई बस्ती से काला मंदिर को जाने वाली सड़क का नाला भी अधूरा है। स्थिति यह है कि ठेकेदार की लेवर एक दिन काम करती है, और चार दिन गायब रहती है। इधर, मोहल्ला तुलाराम वाले नाले का भी निर्माण पूरा नहीं हो सका है।  यहां आरोप है कि ठेकेदार की ओर से जितना नाला बनाया गया है। वह भी गुणवत्ताविहीन तरीके से बनाया गया है। पालिका के कुछ ठेकेदारों की मानें तो नालों का निर्माण जुलाई के आखिर तक ही पूरा हो सकेगा। क्योंकि अभी काम काफी हद तक शेष रह गया।

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