Kanpur MBBS Doctor Death: फूट-फूटकर रोये माता-पिता, कटते रहे डॉक्टर...जेआर बात करने से कतराते आए नजर

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर में पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे दीक्षा के नाते रिश्तेदार

कानपुर, अमृत विचार। स्वरूप नगर पुलिस ने बुधवार देर रात करीब दो बजे जब घटना की सूचना एमबीबीएस डॉक्टर दीक्षा के पिता प्रदीप तिवारी को दी तो उनके हाथ से मोबाइल छूट गया। उन्होंने हिम्मत जुटाकर जानकारी पत्नी अनीता उर्फ रेनू को दी। वह भी रोने बिलखने लगी। इसके बाद उन लोगों ने भाइयों और नाते रिश्तेदारों को जानकारी दी और तुरंत गाड़ी से कानपुर के लिए निकल पड़े। 

अलग-अलग गाड़ियों से निकलने के बाद सभी लोग मेडिकल कॉलेज स्थित घटनास्थल परीक्षा भवन पहुंचे। कुछ ही देर में मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों की भी भीड़ लगने लगी। दोपहर होते-होते दूर-दराज रहने वाले दीक्षा के ज्यादातर रिश्तेदार पहुंच गए। माता-पिता बेटी को यादकर फूट-फूटकर रोने लगे। जेआर कुछ भी बोलने से कतराते हुए कटते नजर आए। 

गिरने से टूट गई डक्ट की कमजोर स्लैब        

स्वरूप नगर पुलिस के अनुसार डॉ मयंक और डॉ हिमांशु से पूछताछ की गई तो उन लोगों ने बताया कि बुधवार रात फाइनल ईयर की पार्टी हुई थी। पहले उन लोगों ने आर्य नगर में पार्टी की। इसके बाद देर रात पांच मंजिला बिल्डिंग परीक्षा भवन पहुंचे। डॉक्टरों ने बताया कि छत पर पहुंचने के बाद उन लोगों ने पार्टी की। इसके बाद दीक्षा बात करते हुए छत पर बने डक्ट की दीवार पर बैठ गई। यहां संतुलन बिगड़ने से वह स्लैब पर गिरी और सीधे नीचे डक्ट में चली गई। 

चप्पल के साथ नीचे गिरी, डॉक्टरों पर पूरा शक 

फुफेरे भाई गौरव ने आरोप लगाया कि पुलिस की कहानी पूरी फिल्मी है। कहा कि छत पर पैरों के घसीटने के निशान मिले हैं। बहन के पैरों में चप्पल थी। उन लोगों को पूरा संदेह है कि साथी डॉक्टरों ने उसे डक्ट में अंदर धक्का देकर हत्या कर दी। 

दोनों डॉक्टर अच्छे दोस्त थे

एडिशनल सीपी हरीश चन्दर ने घटनास्थल पर मौजूद पिता को ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा कि दो साथी डॉक्टर हिरासत में हैं उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है। परिवार से बात करने के बाद सामने आया कि दोनों साथी डॉक्टर दीक्षा के परिवार के भी टच में हैं और सब अच्छे परिचित हैं। घर आना-जाना भी था। बताया कि फोरेंसिक टीम ने शव पर आई चोट और स्पॉट की जांच की है।

डॉक्टर ने चेहरा देखकर किया अंतिम दर्शन 

गुरुवार रात पोस्टमार्टम होने के बाद परिजन जब निजी वाहन करके दीक्षा के शव को बरेली ले जा रहे थे तो गोल चौराहे के किनारे गाड़ी को परिजनों ने रुकवा दिया। कुछ ही समय बाद स्वरूप नगर पुलिस डॉ हिमांशु को हिरासत में जीप से लेकर वहां पहुंची। इसके बाद कफन में लिपटे दीक्षा के चेहरे को खोलकर डॉ हिमांशु को दिखाया गया। जिसके बाद वह फूट-फूटकर रोने लगा। परिजनों के आंसू फिर से छलक पड़े। इसके बाद थाना पुलिस डॉ हिमांशु को लेकर चली गई और वह लोग बरेली निकल गए।

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